सूरत के नागरिक अधिकारियों ने बच्चों में फैल रहे कोरोना वायरस के आंकड़े शेयर किए हैं. जिसके मुताबिक सूरत शहर में 10 साल से कम उम्र के बच्चे पहले की तुलना में महामारी की दूसरी लहर से ज्यादा प्रताड़ित हो रहे हैं. कोविड 19 की पहली लहर के दौरान 560 से ज्यादा 10 साल तक के बच्चे इसकी चपेट में आए थे, लेकिन दूसरी लहर के दौरान लगभग 1,700 बच्चे प्रभावित होने के साथ मामले लगभग तीन गुना बढ़ गए हैं. हालांकि फिलहाल बच्चों में किसी की मौत की जानकारी नहीं मिली है.


दरअसल ये डेटा तीसरी लहर के आने पर बच्चों को ज्यादा संक्रमित होने की आशंका को ध्यान में रखकर निकाला गया है. हालांकि एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने हाल ही में कहा था कि आशंकाएं तथ्यों पर आधारित नहीं हैं. वहीं एसएमसी आयुक्त बी एन पाणि ने बताया कि इस साल नाबालिगों में कोविड 19 मामले पिछले साल की तुलना में ज्यादा है. वहीं जो बच्चे संक्रमित थे अब ठीक हो गए हैं. बाल रोग विशेषज्ञ डॉ केतन भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने कई नाबालिगों को देखा है जो संक्रमित हो गए थे और उनमें हल्के लक्षण देखे गए थे, जिसके चलते लक्षणों के आधार पर उनका इलाज किया गया था.


कोविड से सूरत में नहीं हुई बच्चों की मौत


महामारी की दूसरी लहर के चलते जनवरी 2021 से 20 मई के बीच सूरत में समान आयु वर्ग के 1,696 मामले दर्ज किए गए हैं. अकेले अप्रैल में सबसे ज्यादा 1,185 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद मार्च में 274 मामले दर्ज किए गए. वहीं फरवरी में पांच मामले दर्ज किए गए थे. एसएमसी के उप स्वास्थ्य आयुक्त डॉ आशीष नाइक ने कहा 'पहली और दूसरी लहरों में सूरत शहर में नाबालिगों के बीच कोई मौत नहीं हुई है'.


तीसरी लहर की तैयारी में जुटा एसएमसी


एसएमसी ने तीसरी लहर की तैयारी शुरू कर दी है और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों और शहर के बाल रोग विशेषज्ञों के साथ बैठक की है. एसएमसी आयुक्त बी एन पाणि ने बताया कि उन्होंने न्यू सिविल अस्पताल और एसएमआईएमईआर अस्पतालों में अलग अलग वार्ड बनाने की योजना बनाई है जो अच्छी तरह से सुसज्जित होंगे. साथ ही लगभग 100 ऑक्सीजन सांद्रक खरीदे हैं. उन्होंने कहा कि बाल रोग विशेषज्ञों को अच्छी तरह से सुसज्जित रहने की सलाह दी गई है.


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