गांधीनगर: सूरत की भीषण आग की घटना की प्रारंभिक जांच में स्थानीय नगर परिषद के अधिकारियों और बिल्डरों की ओर से कई तरह की लापरवाही की बात सामने आ रही है. शहर के तक्षशिला कॉम्पलेक्स में लगी इस आग में एक कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले 22 छात्रों की मौत हो गयी थी.


जांच में पाया गया है कि कोचिंग क्लास की बनावट भी आग जैसी घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील थी. इसमें छत काफी नीचे थी और कुर्सियों की जगह बैठने के लिए टायरों का इस्तेमाल किया जा रहा था.


प्रारंभिक जांच में यह बात निकलकर सामने आई है कि बिल्डर ने तीन मंजिला कॉम्पलेक्स बनाने की अनुमति ली थी लेकिन चार मंजिला इमारत बनाया गया. जो पूरी तरह अवैध है. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक संबंधित अधिकारी ने बिल्डर के प्रस्ताव को मंजूरी देते वक्त खुद बिल्डिंग का दौरा नहीं किया था.


सूरत आग मामले में कोचिंग सेंटर के मालिक सहित 3 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है और कोचिंग सेंटर के संचालक को गिरफ्तार किया गया है.