Surat Denim Mandi: डेनिम कपड़ों का हब बनी सूरत की कपड़ा मंडी, विदेशों में बढ़ी मांग
Surat Denim Mandi: सूरत की कपड़ा मंडी में डेनिम वस्त्रों की शुरुआत 12-13 साल पहले हुई थी. धीरे-धीरे सूरत के डेनिम वस्त्रों की मांग देश-विदेश में तेजी से बढ़ने लगी.
Surat Denim Mandi: सूरत में बनी सिंथेटिक साड़ियों की देश-विदेश में काफी लोकप्रिय है. इस लिस्ट में डेनिम से बने कपड़े भी अपनी नई पहचान बना रहे हैं. बीते 10 सालों में सूरत में बने डेनिम वस्त्रों की मांग में काफी उछाल आया है. मांग बढ़ने के साथ ही सूरत अब धीरे-धीरे डेनिम वस्त्र उत्पादन का हब बनता जा रहा है. जिसका नतीजा है कि आज सूरत देश में डेनिम वस्त्रों की तीसरी सबसे बड़ी उत्पादक मंडी बनी गई है. वहीं इस सूची में पहले स्थान अहमदाबाद और दूसरे पर भीलवाड़ा का नाम आता है.
आपको बता दें कि कभी डेनिम वस्त्र सात समुंद्र पार अमेरिका का मुख्य पहनावा हुआ करता था. डेनिम वस्त्र कामगारों, खनिकों, किसानों और पशुपालकों की द्वारा पहने जाने वाला प्रमुख वस्त्र था. ये अन्य कपड़ों के मुकाबले इसकी मजबूती ही इसकी सबसे बड़ी खासियत थी. जिसके कारण उन दिनों अमेरिका के लोग डेनिम के वस्त्रों को सबसे अधिक पसंद किया करते थे.
सूरत की कपड़ा मंडी में डेनिम वस्त्रों की शुरुआत 12-13 साल पहले हुई थी. धीरे-धीरे सूरत के डेनिम वस्त्रों की मांग देश-विदेश में तेजी से बढ़ने लगी. उसके बाद आज अकेले सूरत की कपड़ा मंडी में करीब 20 उत्पादक लाइन है. जिनसे हर महीने में करीब सवा से डेढ़ करोड़ मीटर डेनिम कपड़े का उत्पादन किया जा रहा है. वहीं, इससे जु़ड़े कारोबारियों की मानें तो डेनिम कपड़ों के उत्पादन का बड़ा हिस्सा विदेशों में निर्यात किया जा रहा है. विदेशों में सूरत के डेनिम कपड़ों की बढ़ती मांग के चलते इससे लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं. इसके साथ ही विदेशों में इसके निर्यात के चलते ये देश के विदेशी पूंजी भंडार को बढ़ाने में भी एक अहम योगदान दे रहा है.
आपको बता दें कि सूरत की कपड़ा मंडी में कुल छह तरह के डेनिम तैयार किए जाते हैं. जिसमें इंडिगो, खिंचाव, कुचल, एसिडवॉश, कच्चा एवं सेनफॉराइज्ड डेनिम शामिल हैं. सूरत में बनने वाले इन सभी छह डेनिम की अपनी अलग-अलग खासियत है. जिसके कारण इन सभी वैरायटियों की अपनी-अपनी विशेष गुणवत्ता के चलते देश-विदेश में भारी मांग है.
ये भी पढ़ेंः
Corona Cases: कोरोना के आज आए 2897 नए मामले और 54 की मौत, एक्टिव मरीजों की संख्या 19 हजार के पार