नई दिल्ली: जो काला धन नोटों की शक्ल में था उसे तो नोटबंदी के बहाने सरकार ने बाहर निकलवाना शुरू कर दिया है लेकिन जो काला धन काली संपत्ति बन चुका है उसका क्या होगा, उसका भी कुछ जरूर होगा. पीएम मोदी ने काले धन से बनी काली संपत्ति पर सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी तैयारी कर ली है. नए साल में बेनामी संपत्ति वालों पर सर्जिकल स्ट्राइक की स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी है. पीएम मोदी अपने हर भाषण में इसका जिक्र कर रहे हैं. बस इंतजार है तो किसी बड़ी खबर का.


8 नवंबर को नोटबंदी लागू करके पीएम मोदी ने नोटों के बिस्तर पर सोने वालों पर की सर्जिकल स्ट्राइक़. काला धन छिपाने वालों पर की सर्जिकल स्ट्राइक. जाली नोट का धंधा करने वालों पर सर्जिकल स्ट्राइक. लेकिन क्या काला धन के महाविनाश के लिए इतना काफी है?



अब प्लान बना है बेनामी संपत्ति में काला धन खपाने वालों के खिलाफ. छोटे-छोटे शहरों में भी बड़ी बड़ी कीमतों के घर बेचने के विज्ञापन अखबारों में रोज दिख रहे हैं. हो सकता है आपके मन में भी ऐसे सवाल उठते हों लेकिन जवाब आपके पास नहीं होता. मोदी सरकार के मन में भी ऐसे ही सवाल उठे तब जाकर खाका बना संपत्ति को लेकर नया कानून जो एक नवंबर से लागू हो चुका है.


बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन प्रोहिवेशन अमेंडमेंट एक्ट 2016


क्या आप जानते हैं कि ये कानून मोदी सरकार ने क्यों बनाया. इस कानून से नपेंगे वो लोग जिन्होंने गुप्त धन से प्रॉपर्टी बनाई जिसका हिसाब सरकार को नहीं दिया. वो बताने की हालत में नहीं हैं कि प्रॉपर्टी खरीदने के लिए पैसे कहां से आए. सरकार को धोखा देने और इनकम टैक्स से बचने के लिए प्रॉपर्टी खरीदी किसी ऐसे के नाम पर जो सगा नहीं था लेकिन प्रॉपर्टी रखी अपने कब्जे में. कुल मिलाकर ऐसे पैसे से खरीदी गई प्रॉपर्टी जो सरकार की नजर में काला धन है.


1988 में राजीव गांधी के पीएम रहते हुए भी बेनामी प्रॉपर्टी का कानून बना था जो मोदी के जमाने में बने कानून से कमजोर तो था ही उसे भी कभी लागू नहीं किया गया. 28 साल से बंद अलमारी में धूल खा रहा था. काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक के लिए पीएम मोदी ने धूल भरी अलमारी से कानून से वही फाइल निकाली. उसे दुरुस्त किया. सख्त किया और एक नवंबर से लागू कर दिया. अब बेनामी संपत्ति वाले बच के कहीं जा नहीं सकते.


बेनामी संपत्ति कानून के तीर से पीएम मोदी कई शिकार करने वाले हैं. पहला शिकार होंगे वो बिल्डर जो चोरी के पैसे से चोरी चुपके चोरों को प्रॉपर्टी बेचते हैं. बेनामी संपत्ति कानून के तीर के दूसरे शिकार होंगे काले धन वाले सांप जिन्होंने काला धन कहीं तहखाने में छुपाया तो कहीं बाथरूम में. काला धन छुपाने के लिए जगह नहीं बची तो उसे खपाया प्रॉपर्टी खरीदने में.