Surgical Strike: भारतीय सेना ने लिया था उरी का बदला, पाकिस्तान में घुसकर दहशतगर्दों को सिखाया सबक, जोश से भर देगा सर्जिकल स्ट्राइक का किस्सा
Surgical Strike Anniversary: सर्जिकल स्ट्राइक से पहले वो काली रात भी आई थी जब जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में स्थानीय सैन्य मुख्यालय पर आतंकियों ने हमला कर 18 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था.
7Th Anniversary Of Surgical Strike: साल 2016 और आज ही की तारीख 29 सितंबर. ये वो समय था जब दुनिया भर के लोगों की नींद खुली तो टीवी पर एक ही खबर चल रही थी, भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस और पराक्रम की. ये दिन भारत के इतिहास का सबसे बड़ा दिन बन गया, जब इंडियन आर्मी के जवानों ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 3 किलोमीटर अंदर घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी.
आतंकियों के ठिकानों को नेस्तानाबुद करने के साथ ही करीब चार दर्जन से अधिक दहशतगर्दों को दोजख भेज दिया था. आज इस सर्जिकल स्ट्राइक की सातवीं सालगिरह है. देश गर्व से सेना के उस साहसिक कदम को याद कर रहा है.
उरी हमले का लिया था बदला
सर्जिकल स्ट्राइक के साहसिक कदम से पहले 18 सितंबर (2016) की वह काली रात भी आई थी जब जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में स्थानीय सैन्य मुख्यालय पर आतंकियों ने रात में हमला कर सो रहे 18 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था. हालांकि भारतीय सैनिकों ने चार घंटे की मुठभेड़ के बाद चारों आतंकियों को मार गिराया.
इसके बाद साथियों की शहादत का बदला लेने का निर्णय इंडियन आर्मी ने ले लिया था. पीएमओ में गुप्त मीटिंग हुई और दुनिया भर में इंडियन आर्मी का दमखम दिखाने का साहसिक निर्णय ले लिया गया था.
28- 29 सितम्बर की रात POK में घुसी इंडियन आर्मी
28-29 सितंबर 2016 की रात भारतीय सेना के पैरा ट्रूपर्स की टुकड़ी जब पीओके में घुसी तो न तो पाकिस्तान सैनिकों और न ही सरहद पार छिपे भारत के दुश्मन दहशतगर्दों को इसकी खबर लगी. इसके लिए भारत के खुफिया सेटेलाइट की तस्वीरें सबसे बड़ी मददगार बनी थीं. आतंकियों के सटीक लोकेशन पर पहुंचकर इंडियन आर्मी के पैरा ट्रूपर्स ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया. आर्मी की ओर से इसका एक वीडियो रिलीज किया गया, जिसमें आतंकी ठिकानों को चारों तरफ से घेर कर नेस्तनाबूद किए जाने की झलक दुनिया ने देखी थी.
PM मोदी ने पूरे ऑपरेशन पर रखा था नजर
राजधानी दिल्ली से इस पूरे ऑपरेशन की एक-एक पल की अपडेट ली जा रही थी. खुद पीएम मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और भारतीय सेना के मुख्य अधिकारी सांसें थामें स्पेशल फोर्सेज के इस साहसिक अभियान पर नजर रख रहे थे. जब ऑपरेशन को अंजाम देकर भारतीय सैनिक वापस लौट रहे थे तो पाकिस्तानी सैनिकों ने उन पर फायरिंग भी की थी लेकिन दो पाक सैनिकों को भी पैरा ट्रुपर्स ने ठिकाने लगा दिया था. भारत का एक भी सैनिक शहीद नहीं हुआ और इस ऑपरेशन को शानदार सफलता के साथ अंजाम दिया गया था.
गर्व से भर देगा सेना का अभियान
कुछ बिंदुओं में समझिए इंडियन आर्मी के उस साहसिक सर्जिकल स्ट्राइक की खासियत जो आपको गर्व से भर देगा.
1. उरी हमले का जख्म दिल में लिए आतंकियों को सबक सिखाने के जज्बे के साथ 28-29 सितंबर को ऑपरेशन रात करीब 12.30 बजे शुरू हुआ.
2. स्पेशल फोर्सेज के पैराट्रूपर्स कमांडोज को एलओसी के पास एयरड्रॉप किया गया. इसके बाद वे पैदल दुश्मन देश सीमा पार कर पीओके में दाखिल हुए.
3. आतंकियों का ठिकाना सीमा से 3 किलोमीटर भीतर था, जहां सावधानी से चलते हुए पैराट्रूपर्स के जवान बिना कोई आवाज किए पहुंच गए.
4. एक साथ तीन ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई. भीमबेर, हॉटस्प्रिंग, केल और लीपा सेक्टर्स में आतंकियों के लॉन्च पैड को ध्वस्त किया गया.
5. दहशतगर्दों को मौत के घाट उतार कर भारतीय सेना के जांबाज बिना किसी कैजुअल्टी के सही सलामत वापस लौटे थे.
6. केवल 4 घंटे के अंदर पूरा ऑपरेशन सुबह 4.30 बजते-बजते खत्म हो चुका था.
7. बाद में पीएम मोदी ने इस ऑपरेशन में शामिल जवानों को अपने साथ डिनर में इनवाइट किया था.
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