Surgical strike: उरी हमले का बदला लेने के लिए जब भारतीय सेना ने आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा था
18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में आतंकियों ने आर्मी कैम्प पर हमला किया. इस हमले में 18 जवान शहीद हुए थे. इसके जवाब में भारतीय सेना ने पीओके में घुसकर आतंकियों को मौत के घाट उतरा था.

भारतीय सेना ने पीओके में 13 नवंबर को एक और बड़ी स्ट्राइक की. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सेना ने पीओके में कई आतंकी कैंप को निशाना बनाया. हालांकि भारतीय सेना के सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने कहा कि LoC के पार PoK में भारतीय सेना की कार्रवाई की खबरें फर्ज़ी हैं.
हालांकि इस पूरे घटना क्रम से 28-29 सितंबर, 2016 की रात भारतीय सेना द्वारा आतंकवादियों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक की याद ताजा कर दी है जिसने पाकिस्तान के होश उड़ा के रख दिए थे.
Reports of Indian Army's action in Pakistan-occupied Kashmir (PoK) across the Line of Control are fake: Indian Army Director General of Military Operations Lt Gen Paramjit Singh (file photo) pic.twitter.com/uHlULDWydh
— ANI (@ANI) November 19, 2020
18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में आतंकियों ने आर्मी कैम्प पर हमला किया. इस हमले में 18 जवान शहीद हुए थे. इसके जवाब में भारतीय सेना ने पीओके में घुसकर आतंकियों को मौत के घाट उतरा था.
क्या हुआ 28-29 सितंबर की रात
- भारतीय सेना का ऑपरेशन रात करीब 12.30 बजे शुरू हुआ. इसमें स्पेशल फोर्सेज के पैराट्रूपर्स को भी शामिल किया गया था.
- भारतीय जवानों को एलओसी के पास एयरड्रॉप किया गया. इसके बाद वह पैदल सीमा पार कर पाकिस्तान में दाखिल हुए.
- भारतीय कमांडोज एलओसी में तीन किलोमीटर तक भीतर घुस गए थे.
- सर्जिकल स्ट्राइक्स को भीमबेर, हॉटस्प्रिंग, केल और लीपा सेक्टर्स में अंजाम दिया गया.
- भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक आतंकियों के कई लॉन्च पैड तबाह हो गए और 35-40 आतंकवादी मारे गए.
- ऑपरेशन पूरी तरह कामयाब रहा और भारतीय सेना को इस पूरे ऑपरेशन में कोई नुकसान नहीं हुआ.
- पूरा ऑपरेशन सुबह 4.30 बजते-बजते खत्म हो चुका था.
पिछले साल 26 फरवरी को पहली एयर स्ट्राइक पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाक अधिकृत कश्मीर में एयरस्ट्राइक की थी। इस एयरस्ट्राइक में वायुसेना के 12 मिराज-2000 फाइटर जेट ने बालाकोट, चकोटी और मुजफ्फराबाद में बम गिराए थे। इसमें 300 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। वायुसेना ने इस पूरे मिशन को 'ऑपरेशन बंदर' नाम दिया था.
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