नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के क्षेत्र में प्रदूषण की वजह से बने हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात ने लोगों का जीवन मुश्किल कर दिया है. प्रदूषण की वजह से लोगों का दिल्ली में रहना और सांस लेना मुश्किल हो गया है. प्रदूषण का खराब स्तर देखते हुए दिल्ली के लोग अब रहने के लिए दूसरे स्थानों का विकल्प तलाश रहे हैं. इस बात का खुलासा यूसी ब्राउजर के एक सर्वेक्षण में हुआ है. यूसी ने अपने यूजर्स से इस संदर्भ में सवाल पूछा था, जिसमें 67% लोगों ने कहा है कि वे प्रदूषण से परेशान होकर शहर छोड़ना चाहते हैं.


जबकि, 33% लोग अभी भी दिल्ली छोड़कर जाने तो तैयार नहीं हैं. यूसी के ऑनलाइन सर्वे में दिल्ली के निवासियों ने ही हिस्सा लिया था. इस सर्वे में कुल 16416 दिल्लीवासियों ने वोट दिया जिसमें से 11 हजार ने दिल्ली छोड़ने की मंशा की बात स्वीकार की. ज्यादातर यूजर्स का कहना था कि उन्होंने विकल्प तलाशना शुरू कर दिया है और शायद ही अगले साल वे फिर से इस त्रासदी को देखने के लिए दिल्ली में मौजूद होंगे. कुछ लोगों का कहना था कि उन्होंने ट्रांसफर के लिए अर्जी भी डाल दी है.


इसके साथ ही 5 हजार 415 लोगों का कहना था कि वे दिल्ली छोड़कर नहीं जाना चाहते हैं. इस सर्वे में सिर्फ यूसी ब्राउजर के यूजर्स ने हिस्सा लिया था. इसके साथ ही जो लोग छोड़कर नहीं जाना चाहते उन्होंने कमेंट भी किए हैं. उनका कहना है कि रोजी-रोटी के चलते वे दिल्ली छोड़ नहीं सकते.


एक यूजर ने कहा कि वह अपने गांव से शहर में पैसे कमाने के लिए आया था और वापस जाकर वह बेरोजगार ही हो जाएगा. अगर कहीं अच्छा रोजगार का अवसर मिले तो वह जरूर सोच सकता है कि प्रदूषण से दूर निकला जाए. गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर भारी प्रदूषण की मार सह रहा है.


बता दें कि प्रदूषण के चलते दिल्ली के हालात बेहद खतरनाक हो गए हैं, दिल्ली और आसपास के शहरों नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम में प्रदूषण का स्तर 'बहुत खराब' है. सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि उत्तर भारत के हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश भी भयंकर प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. हरियाणा के लगभग दस से ज्यादा जिले प्रदूषण से प्रभावित हैं.


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