Ajit Pawar: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में हर गुजरते दिन के साथ सियासी समीकरणों में बदलावों के कयास लगाए जा रहे हैं. इस बीच एनसीपी (Nationalist Congress Party) नेता और महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister of Maharashtra) अजित पवार (Ajit Pawar) को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. खबर है कि अजित पवार एक बार फिर घर वापसी कर सकते हैं यानी कि अपने चाचा शरद पवार से हाथ मिला सकते हैं.
लोकसभा मे मिली हार और आरएसएस (RSS) से नाराज होने के बाद अजित पवार ने महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की रणनीति का जायजा लिया. गुरुवार (18 जुलाई, 2024) को अजित पवार ने पुणे के पिंपरी चिंचवाड़ में पार्टी नेताओं संग बैठक की. अजित पवार ने मंत्री छगन भुजबल से भी मुलाकात की.
शरद पवार की दिखी पावर
शरद पवार एक बार फिर राज्य में मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहे हैं क्योंकि फिर एक-एक करके लोग शरद पवार (Sharad Pawar) से जुड़ने लगे हैं. बुधवार को शरद पवार की मौजूदगी में राकांपा के 29 पार्षदों ने राकांपा (शरद चंद्र पवार) पार्टी का दामन थामा. पाला बदलने बड़े नामों में राकांपा के पूर्व शहर अध्यक्ष अजित गव्हाणे, कार्यकारी अध्यक्ष राहुल भोसले, छात्र शाखा के प्रमुख यश साने और भोसारी विधानसभा सीट प्रमुख पंकज भालेकर भी शामिल हैं. शरद पवार ने भी उनके दल में शामिल लोगों का गर्मजोशी से स्वागत किया. इसके बाद ही अजित पवार ने पार्टी नेताओं के साथ मुलाकात की.
क्यों लगा अजित पवार को झटका?
रिपोर्ट्स की मानें तो अजित पवार के समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने की बात हाल ही में कराए गए एक आंतरिक सर्वे (Internal Survey) में सामने आई. आरएसएस (RSS) की पत्रिका 'साप्ताहिक विवेक' ने दावा किया है कि महाराष्ट्र में भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्य में चुनावी हार के लिए अजित पवार गुट के साथ गठबंधन को जिम्मेदार ठहराया. अजित पवार की अगला कदम क्या होगा, इसको लेकर कार्यकर्ता चिंतित है. इसलिए ये सवाल पुछा जा रहा है की अजित पवार क्या वापस चाचा के साथ जाएंगे ?
क्या बोले बीजेपी नेता?
महाराष्ट्र के बीजेपी नेता प्रविण दरेकर (Pravin Darekar) ने मीडिया से बातचीत में कहा, आनेवाले विधानसभा चुनाव को लिए कई लोग पलटी मारने की सोच में हैं और उसी कड़ी में अजित पवार गुट के लोग शरद पवार के गुट मे जाने लगे हैं. महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और अगर अजित अपने चाचा शरद के साथ गठबंधन करते हैं तो जाहिर तौर पर ये शरद पवार को पावर देने वाले मूव साबित होगा.
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