कोरोना वायरस: कोरोना काल के बाद खुद का कारोबार शुरू करना चाहती हैं महिलाएं- सर्वे
मीडिया प्लेटफॉर्म कंपनी बबल एआई के सर्वे में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ा है.
नई दिल्ली: कोविड-19 के दौर से निकलने के लिए संघर्ष कर रही महिलाएं अब अपनी सेहत पर अधिक ध्यान देने और कोई कारोबार शुरू कर आत्मनिर्भरता के साथ ही उद्यमी बनने के सपने देख रही हैं . हाल में करवाए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है.
बॉबल ए आई द्वारा जनवरी 2021 से पिछले दो महीने में करवाए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट बताती है कि 75 फीसदी महिलाएं अब अपना कारोबार शुरू कर अपने पैरों पर खड़े होने का सपना देख रही हैं .
सर्वेक्षण के दायरे में आई 55 फीसदी से अधिक महिलाएं अब अपनी सेहत, फिटनेस और उत्साह पर ध्यान दे रही हैं और साथ ही इसके बारे में अपनी दोस्तों के बीच जानकारी और चिंताएं भी अधिक खुलकर साझा कर रही हैं .
भारतीय संदर्भो में रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड 19के कारण बहुत सी भारतीय महिलाओं को अपना कैरियर बीच में छोड़ना पड़ा है.
महिलाओं में बेरोजगारी
कुछ समय पूर्व सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनामी (सीएमआईई) की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कोरोना ने महिलाओं की श्रम बल में पहले से ही कम भागीदारी को और कम कर दिया है जो कि सकते में डालने वाली बात है.
इसमें कहा गया था कि 71 फीसदी कामकाजी पुरूषों के मुकाबले महिलाओं के मामले में यह दर 11प्रतिशत रह गई है. कार्य स्थलों पर इतनी कम महिलाओं के साथ महिलाओं में बेरोजगारी की दर पुरूषों के 6 फीसदी के मुकाबले 17 फीसदी हो गई है.
कोविड के कारण अचानक से नौकरी से हाथ धो बैठने से भारत में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर भी सीधा असर पड़ा है. हालांकि बॉबल ए आई का कहना है कि तमाम मुश्किलों के बावजूद भारतीय महिलाओं के हौंसले बुलंद हैं.
सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि जीवन शैली में बदलाव, बढ़ते शहरीकरण, पश्चिमी सभ्यता के अधिक संपर्क में आने के चलते भारत में महिलाओं और युवतियों के बीच प्यार और शादी को लेकर भी विचारों में तेजी से बदलाव आ रहा है.
रिपोर्ट में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, टिंडर, बम्बल, हिंज, हैप्पन, ओके क्यूपिड जैसी डेटिंग ऐप के बढ़ते इस्तेमाल के बीच 72 फीसदी महिलाएं डेटिंग और सच्चे प्रेम की तलाश के बारे में बातें कर रही हैं .
रिपोर्ट में कोविड बाद की स्थितियों में महिलाओं की जीवनशैली के संबंध में आए बदलावों को आंकने का प्रयास किया गया है. बॉबल एआई की सर्वेक्षण रिपोर्ट कहती है कि आमतौर पर पतियों और प्रेमियों को यह शिकायत रहती है कि किसी भी मामले में उन्हें ‘सॉरी’ शब्द बोलना पड़ता है लेकिन सर्वेक्षण कहता है कि पिछले दो महीनों में औसतन एक महिला ने 18 बार से अधिक सॉरी शब्द का इस्तेमाल किया. इसके बाद औसतन एक महिला ने 16 बार ‘लव’ और 15 बार ‘हूं’ कहा.
इस प्रकार महिलाओं के बीच‘सॉरी’ वर्ष का सबसे अधिक इस्तेमाल किया गया शब्द रहा. इस सर्वेक्षण को करवाने वाली बॉबल एआई एक मीडिया प्लेटफार्म कंपनी है जिसने यह जानने के लिए सर्वेक्षण करवाया कि कोरोना महामारी के दौर में महिलाएं किन मुद्दों पर बात कर रही हैं .
बॉबल ए आई फेसबुक, व्हाट्सअप, टिंडर, हिंज जैसी सोशल मीडिया साइटों पर लोगों के बीच होने वाली बातचीत के बारे में सर्वेक्षण करती है और यह पता लगाने की कोशिश करती है कि आधुनिक तकनीकी क्रांति के दौर में समाज में संवाद प्रक्रिया किस प्रकार आकार ले रही है.
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