मंदिरों का सर्वे करके जम्मू कश्मीर की डेमोग्राफी बदलना चाहती है केंद्र सरकार- नेशनल कान्फ्रेंस
आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत के कश्मीरियों की आशंकाओं को खत्म करने संबंधी बयान पर पार्टी ने कहा कि ऐसे संगठन की ओर से इस तरह के बयान का आना हास्यास्पद है.
श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गुरुवार को कहा कि केंद्र की ओर से आ रहे बयान साफ तौर पर जम्मू कश्मीर के लोगों की आशंकाओं को सही ठहराते हैं. पार्टी ने कहा कि आर्टिकल 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के पीछे एकमात्र एजेंडा राज्य की डेमोग्राफी को बदलना और सामाजिक-धार्मिक तानेबाने को प्रभावित करना है.
नेशनल कान्फ्रेंस ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी के हालिया बयान का जिक्र करते हुए कहा कि जब राज्य की जनता बुनियादी चीजों के लिए संघर्ष कर रही है ऐसे में केंद्र सरकार मंदिरों का सर्वेक्षण कराने के लिए उत्सुक है. रेड्डी ने कहा था कि सरकार राज्य के 50 हजार मंदिरों का सर्वेक्षण कराएगी.
पार्टी ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘जब भारत सरकार को जनता के साथ बातचीत करने में और पांच अगस्त को की गई गलती को सुधारने में समय लगाना चाहिए, वह दुर्भाग्य से कुछ अनुचित कर रही है.’’
आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत के कश्मीरियों की आशंकाओं को खत्म करने संबंधी बयान पर पार्टी ने कहा, ‘‘ऐसे संगठन की ओर से इस तरह के बयान आना हास्यास्पद है जिसके मुस्लिम विरोधी चरित्र किसी से छिपे नहीं हैं.’’
एनसी ने कहा, ‘‘कश्मीर के लोग और राज्य के मुस्लिम बहुल इलाके में रहने वाले मुसलमान मंदिरों के सर्वेक्षण के पीछे भारत सरकार की सोच को लेकर आशंकित हैं.’’ पार्टी ने केंद्र सरकार से इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा कि वह इस नतीजे पर कैसे पहुंची कि राज्य में 50 हजार मंदिर हैं.
नेशनल कान्फ्रेंस ने कहा, ‘‘कश्मीर के लोग मुस्लिम धर्मस्थलों, मस्जिदों, वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. केंद्र की ओर से इस तरह के बयान उनकी आशंकाओं को पुष्ट करते हैं.’’
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