Gyanvapi Masjid Dispute: ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का काम खत्म, जानें कब-कब क्या हुआ और किस पक्ष का क्या है दावा
Gyanvapi Masjid: ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का काम पूरा हो गया है. इस दौरान जहां हिंदू पक्ष ने शिवलिंग व अन्य चीजें मिलने का दावा किया तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने ये सारे दावे नकार दिए.
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Gyanvapi Masjid Survey: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में आज तीसरे और अंतिम दिन का सर्वे का काम पूरा कर लिया गया. अब कल यानी 17 मई को कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी जाएगी. तीन दिन तक चले इस सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष की ओर से मूर्तियां और शिवलिंग मिलने के दावे किए गए. वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील ने हिंदू पक्ष के दावों को खारिज किया. आपको बताते हैं कि इस सर्वे के दौरान क्या कुछ हुआ और मस्जिद में क्या-क्या मिलने का दावा किया गया.
ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी सर्वे का काम शनिवार को शुरू हुआ. इस दिन तहखाने के पांचों कमरों का सर्वे किया गया. पहले दिन ज्ञानवापी सर्वे में कुल 52 लोगों की टीम अंदर गई जिसमें कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र, उनके साथ दो सहयोगी कोर्ट कमिश्नर, वादी प्रतिवादी पक्ष के लोग, डीजीसी सिविल, जिला प्रशासन के उच्चाधिकारी, सुरक्षाकर्मी, वीडियोग्राफर, फोटोग्राफर आदि शामिल थे. टीम तहखाने का सर्वे करने गई तो तहखाना इतना गंदा पड़ा हुआ था कि इसमें घुसा नहीं जा सकता था तो पहले इसकी साफ सफाई कराई गई. तहखाने में घुसने पहले वजू किया गया. फिर जूते चप्पल उताकर टीम तहखाने में घुसी. टीम टॉर्च और हैलोजन लाइट से सर्वे किया गया.
हिंदू पक्ष का दावा- तहखानों में मिले मूर्तियों के भग्नावशेष
शनिवार को सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया कि सारे साक्ष्य हमारे पक्ष में हैं. तहखानों में मूर्तियों के भग्नावशेष मिले हैं. हिंदू पक्ष ने कहा कि तहखाने में शरारती तत्वों ने मिट्टी भर दी थी उसे साफ किया गया. लिंगायत समाज में काशी में लिंग दान का प्रचलन है, तहखाने में उस परम्परा के टूटे लिंग मिले हैं.
सर्वे के दूसरे दिन तालाब पर हुआ विवाद
दूसरे दिन के सर्वे में मस्जिद के अंदर 7-8 फीट का ढेर मिला जो सफेद पेंट से ढका हुआ था. सर्वे के बीच मस्जिद में वजूखाने के पास तालाब पर विवाद हो गया है. हिंदू पक्ष और मस्जिद कमेटी आमने-सामने आ गई. हिंदू पक्ष ने तालाब का पानी निकालने की मांग की. वहीं मस्जिद कमेटी ने पानी निकालने का विरोध किया. हिंदू पक्ष के अनुसार, गुंबद की तरफ सर्वे के दौरान एक दीवार पर हिन्दू परंपरा के आकार दिखे, उसे सफेद चूने से रंगा गया है. सर्वे की टीम ने इसकी वीडियोग्राफी की और प्रतीक चिन्ह का भी जिक्र किया जिनसे उनकी बात को बल मिल गया.
शिवलिंग मिलने का हिंदू पक्ष ने किया दावा
सोमवार को सर्वे का काम फिर से शुरू हुआ. सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान स्वास्तिक और ओम के निशान और एक बड़ा टैंक मिला. इसके साथ ही, दीवारों में जो आकृतियां बनी थी वो न दिखाई दें इसलिए पेंट कर दिया गया था. एक तहखाना ऐसा भी मिला है, जिसको कूड़े से ढकने की कोशिश की गई है. कल निगम के कर्मचारी वहां पर काम करने लिए अंदर गए थे. लेकिन, गर्मी की वजह से जल्दी वापस लौट आए थे. आज के सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने दावा करते हुए कहा कि वहां शिवलिंग मिला है. हिंदू पक्ष ने कहा कि तालाब में काफी अहम साक्ष्य मिले हैं.
सर्वे के बाद हिंदू पक्ष के पैरोकार डॉ. सोहनलाल बाहर आए तो उन्होंने कहा कि अंदर बाबा मिल गए, जिन खोजा तिन पाइयां, तो समझिए, जो कुछ खोजा जा रहा था, उससे कहीं अधिक मिला है. अब पश्चिमी दीवार के पास जो 75 फीट लंबा, 30 फीट चौड़ा और 15 फीट ऊंचा मलबा है, उसके सर्वे की मांग उठाएंगे. डॉ. सोहनलाल ने कहा कि नंदी जिसकी प्रतीक्षा कर रहे थे वह बाबा मिल गए. इतिहासकारों ने जो लिखा था, वह सही था. जैसे ही बाबा मिले वैसे ही अंदर हर-हर महादेव का उद्घोष हुआ.
मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग मिलने की बात नकारी
मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग मिलने के दावे को पूरी तरह से नकार दिया. मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने कहा कि इन लोगों के कहने से फैसला नहीं होगा. ऐसा कुछ भी नहीं मिला है. सर्वे का काम पूरा हो गया है. अब रिपोर्ट पेश की जाएगी. इसके बाद जिसको ऑब्जेक्शन करना होगा वो अदालत में किया जाएगा.
डीएम बोले- किए गए दावे व्यक्तिगत राय
वहीं डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि कोर्ट कमिश्नर की कार्यवाही आज खत्म हुई. सवा दस बजे कार्यवाही समाप्त हुई. कोर्ट कमीशन के तीन सदस्यों ने कार्यवाही समाप्त की. अदालत में सुनवाई होगी और अगला निर्णय कोर्ट के आदेश पर होगा. कोर्ट में रिपोर्ट 17 मई को पेश होगी. ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी सर्वे को लेकर अगर किसी ने कोई बात कही है या किसी बात का दावा किया है तो यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती हैं. ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट कमिश्नर द्वारा रिपोर्ट पेश करने के बाद कोई भी बात कोर्ट के द्वारा ही बताई जाएगी. किसी की बात पर कोई ध्यान देने की आवश्यकता नहीं.
शिवलिंग मिलने के दावे पर कोर्ट पहुंचा हिंदू पक्ष
सर्वे खत्म होने के बाद शिवलिंग मिलने के दावे के साथ हिंदू पक्ष वाराणसी कोर्ट पहुंच गया. इसपर अदालत ने उस जगह को तत्काल प्रभाव से सील कर देने का आदेश दिया. कोर्ट ने आदेश दिया कि जिस जगह पर शिवलिंग मिला है उस जगह को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया जाए. साथ ही उस जगह पर किसी के भी आने जाने पर रोक लगा दी जाये.
सर्वे टीम से एक सदस्य को हटाया
बता दें कि, ज्ञानवापी सर्वे टीम से सोमावार को एक सदस्य को हटा दिया गया था. इन पर सर्वे की जानकारी लीक करने का आरोप है. ज्ञानवापी सर्वे में शामिल वरिष्ठ पत्रकार डॉ. रामप्रसाद सिंह को सर्वे में शामिल होने से रोका गया था. बताया जा रहा है कि सर्वे की जानकारी को बाहर बताए जाने के संदर्भ में उन्हें अंदर जाने से रोका गया.
5 महिलाओं ने ज्ञानवापी पर दाखिल की थी याचिका
गौरतलब है कि दिल्ली निवासी राखी सिंह और चार अन्य महिलाओं ने श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की अनुमति देने और परिसर में स्थित विभिन्न विग्रहों की सुरक्षा का आदेश देने के आग्रह संबंधी याचिका दाखिल की थी. इस पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने 26 अप्रैल को एक आदेश जारी कर ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे कराकर 10 मई तक रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे. अदालत ने इसके लिए अजय मिश्र को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था.
सर्वे करने पहुंचे कोर्ट कमिश्नर और वादी पक्ष का मुस्लिम पक्ष ने विरोध कर दिया था. 9 मई को मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट कमिश्नर की निष्पक्षता पर सवाल उठाए और उन्हें हटाने की मांग भी की. इसी को लेकर कोर्ट में तीन दिन बहस चली और फिर बीते गुरुवार को वाराणसी की एक अदालत ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र को हटाने संबंधी अर्जी को नामंजूर कर दिया. साथ ही विशाल सिंह को विशेष कोर्ट कमिश्नर और अजय प्रताप सिंह को सहायक कोर्ट कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी. जिसके बाद ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का काम शुरू हुआ था, जो आज खत्म हो गया.
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