(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सुशांत केस: रिया चक्रवर्ती ने SC में हलफनामा दायर कर खुद को राजनीतिक खींचतान शिकार बताया, SC में कल होगी सुनवाई
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद मामले में दिलचस्पी दिखाई. इसी के बाद पटना पुलिस ने सुशांत के पिता की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली. कानूनन ऐसा करने का पटना पुलिस को कोई अधिकार नहीं था.
सुशांत केस में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को होने वाली सुनवाई से पहले रिया चक्रवर्ती में हलफनामा दायर किया है. रिया ने कहा है कि पटना में एफआईआर का कोई आधार नहीं था. उसके मुंबई ट्रांसफर हो जाने से बचने के लिए ही जांच सीबीआई को दे दी गई. महाराष्ट्र सरकार की अनुमति के बिना ऐसा नहीं किया जा सकता. हालांकि, रिया ने यह भी कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट अपनी तरफ से जांच सीबीआई को सौंपता है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.
रिया ने सीबीआई और ईडी के काम करने के तरीके पर भी सवाल उठाए हैं. उनके हलफनामे में कहा गया है कि पटना में दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने सुशांत के बैंक खातों से हुए लेनदेन की जांच शुरू कर दी. उधर सीबीआई ने भी तुरंत केस दर्ज कर लिया. कई बड़े मामले हैं, जिनकी जांच यह एजेंसियां नहीं करतीं. लेकिन यहां बिजली की तेजी से दोनों ने काम करना शुरू कर दिया.
हलफनामे में पूरे मामले के मीडिया ट्रायल की बात कही गई है. कहा गया है कि मीडिया ने रिया को पहले ही दोषी करार दिया है. पहले 2जी और आरुषि तलवार केस में जिन लोगों को मीडिया ने अपनी तरफ से दोषी करार दिया था, वह लोग बाद में निर्दोष साबित हुए. सुशांत के बाद भी कुछ अभिनेताओं ने आत्महत्या की है, लेकिन मीडिया की दिलचस्पी इसी मामले में है. मामले को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जा रहा है. वह पहले से परेशान है, लेकिन उसके निजी जीवन को तमाशा बना दिया गया है.
अभिनेत्री ने खुद को राजनीतिक खींचतान का शिकार बताया है. कहा है कि इस मामले के इस तरह टूल पकड़ने की बड़ी वजह बिहार में होने वाला होने जा रहा चुनाव भी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद मामले में दिलचस्पी दिखाई. इसी के बाद पटना पुलिस ने सुशांत के पिता की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली. कानूनन ऐसा करने का पटना पुलिस को कोई अधिकार नहीं था.
इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में लेकर सबसे पहले रिया चक्रवर्ती ही पहुंची थी. उन्होंने पटना में दर्ज एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की थी. बाद में बिहार सरकार की सिफारिश पर पटना में दर्ज एफआईआर को सीबीआई को सौंप दिया गया. महाराष्ट्र सरकार ने अपने हलफनामे में सीबीआई को इस तरह से जांच सौपे जाने को गलत बताया है. मांग की है कि सीबीआई की तरफ से दर्ज एफआईआर को मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया जाए. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पुलिस से मामले में अब तक की गई जांच की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था. कोर्ट मंगलवार को होने वाली सुनवाई में यह तय कर सकता है कि मामले की जांच आगे कौन करेगा.