SSR Case: पूर्व ACP का आरोप- मुंबई पुलिस कंगना रनौत के इशारे पर काम कर रही है
सुशांत सिंह राजपूत मौत मामला दिन प्रतिदिन नया मोड़ लेता जा रहा है. मुंबई पुलिस के रिटायर एसपी ने मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाये है. उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि मुंबई पुलिस कंगना रनौत के इशारे पर काम कर रही है.
मुंबई: सुशांत सिंह आत्महत्या मामले को लेकर मुंबई पुलिस जो जांच कर रही थी वो पहले से ही विवादों में है. अब इसी पुलिस फोर्स से रिटायर हुए एक पूर्व एसीपी ने जांच पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाये हैं. पूर्वी एसीपी शमशेर खान पठान अडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील को अस्सी के दशक में गिरफ्तार करके चर्चित हुए थे. छोटा शकील अपने आपराधिक करियर में सिर्फ एक बार ही पकड़ में आया था.
पूर्व एसीपी पठान का कहना है कि उनके आंकलन के मुताबिक मुंबई पुलिस की मंशा ठीक नहीं लगती. पुलिस गलत इरादों से इस मामले की जांच कर रही है. पठान का आरोप है कि समझने वाले समझ जाएंगे कि क्यों रोजाना एक के बाद एक बड़-बड़ी फिल्मी हस्तियों को पुलिस थाने बुलाया जा रहा था? ऐसा करके उनके मन में डर पैदा किया जा रहा था.
पठान के मुताबिक मुंबई पुलिस को अपनी जांच सुशांत की आत्महत्या तक ही सीमित रखनी चाहिए थी. अगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कोई गड़ब़ड़ी नहीं बताई गई. किसी ने कोई शक नहीं जाहिर किया और मौका-ए-वारदात पर सुशांत के किसी के साथ संघर्ष के सबूत नहीं मिले हैं तो पुलिस को ADR (Accidential Death Report) दायर करके केस बंद कर देना चाहिए था.
अगर कोई किसी व्यक्ति पर आरोप लगाता कि उसके उकसाने पर सुशांत ने आत्महत्या की तो आईपीसी की धारा 306 के तहत मामला दर्ज करके जांच आगे बढ़ाया जा सकता था. पठान का कहना है कि बिना कोई एफआईआर दर्ज किये सिर्फ एडीआर के बूते फिल्मी हस्तियों को सम्मन भेजकर बुलाने से ऐसा लगता है कि मुंबई पुलिस का कोई छुपा हुआ मकसद है.
एबीपी न्यूज़ से उन्होंने कहा, “पुलिस में रहते हुए मैंने खुद और अपने कनिष्ठों के माध्यम से कई आत्महत्या के मामलों की जांच की है. सुशांत के मामले से अब तक जो भी (तथ्य) मेरे सामने आया है उसके आधार पर मैं कह सकता हूं कि अगर मैं बांद्रा पुलिस थाने का एसएचओ होता तो 3 दिन में इस केस की फाइल बंद कर देता.”
एबीपी न्यूज़ से बातचीत में पठान ने आरोप लगाया कि ऐसा लग रहा है कि मुंबई पुलिस कंगना रनौत के इशारे पर काम कर रही है. एक दिन कंगना रनौत किसी का नाम लेती हैं और फिर मुंबई पुलिस की ओर से उसको समन पहुंच जाता है. सुशांत सिंह ने किससे फिल्म का कांट्रैक्ट किया, कौन सी फिल्म की, कौन सी फिल्म नहीं की ये सब मुंबई पुलिस ने बेवजह जांच के दायरे में लिया है. इससे मुंबई पुलिस के प्रति शक पैदा होता है.
पठान के मुताबिक बिहार पुलिस के आईपीएस को जिस तरह से क्वारंटीन करके कैद किया गया वो भी गलत है. इस हरकत से घटनाक्रम सरकार के खिलाफ जाता है. उनका कहना है कि मुंबई पुलिस की गलतियों की आंच अब आदित्य ठाकरे तक पहुंच रही है, हालांकि उन्हें ठाकरे का इस मामले से कोई लेनादेना नजर नहीं आता. अगर मुंबई पुलिस ने पहले से ही सही रास्ता अख्तियार किया होता तो ये नौबत नहीं आती. इस पूरे मामले में मुंबई पुलिस का पक्ष ये है कि वो पूरी जांच कानूनी प्रक्रिया के तहत कर रही है और उसकी जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है.
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