नई दिल्ली: सुशांत सिंह राजपूत मामले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की याचिका का विरोध करने के लिए बिहार सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दी है. इससे पहले सुशांत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने भी मामले में अपना पक्ष रखने के लिए कैविएट दाखिल किया था. रिया ने पटना में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को कानूनन गलत बताते हुए, उसे मुंबई ट्रांसफर करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की है.
रिया चक्रवर्ती की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका की कॉपी एबीपी न्यूज़ के पास है. इसमें रिया ने यह कहा है कि वह 1 साल तक सुशांत के साथ लिव इन रिलेशन में रहीं थीं. 8 जून को वह सुशांत के घर से सांताक्रुज में अपने घर चली गईं. सुशांत डिप्रेशन के मरीज थे. 14 जून को उन्होंने बांद्रा वेस्ट में अपने फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
रिया सुशांत से बहुत प्यार करती थीं- याचिका
याचिका में यह कहा गया है कि रिया सुशांत से बहुत प्यार करती थीं. वह खुद इस घटना से काफी दुखी और परेशान हैं. यहां तक कि उन्होंने 16 जुलाई को एक ट्वीट कर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से यह प्रार्थना की कि वह मामले की जांच सीबीआई को सौंप दें. लेकिन सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ही निशाना बना रहे हैं. उन्हें लालची कहा गया. उनके चरित्र पर सवाल उठाए गए. उन्हें हत्यारिन तक कहा गया. यहां तक की बलात्कार करने और जान से मारने की धमकी दी गई. इस तरह की धमकी के खिलाफ उन्होंने मुंबई के सांताक्रूज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है.
बिहार सरकार और सुशांत के पिता को अपनी याचिका में पक्षकार बनाते हुए रिया ने कहा है कि सुशांत की मृत्यु के बाद मुंबई पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 174 के तहत जांच शुरू कर दी. रिया ने बांद्रा वेस्ट हिल रोड थाने में जाकर अपना बयान दर्ज करवाया. कई और लोगों ने भी पुलिस की पूछताछ में हिस्सा लिया है. लेकिन सुशांत के पिता ने 25 जुलाई को पटना के राजीव नगर थाने में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 341, 342, 380, 406, 420 306, 506 और 120 (B) के तहत एफआईआर दर्ज करवा दी. उनके ऊपर सुशांत के साथ धोखाधड़ी करने, धमकाने और आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे आरोप लगाए गए.
याचिका में पटना में दर्ज हुए एफआईआर को कानूनन गलत बताया गया है
खुद को 2012 से फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय बताने वाली रिया की याचिका में पटना में दर्ज हुए एफआईआर को कानूनन गलत बताया गया है. कहा गया है कि सीआरपीसी की धारा 177 में प्रावधान है कि जिस मजिस्ट्रेट के अधिकार में आने वाले क्षेत्र में कोई घटना हुई है, वही उसकी जांच करवा सकते हैं और मुकदमा चला सकते हैं. सीआरपीसी की धारा 156 (1) में लिखा है कि उस मजिस्ट्रेट के अधिकार क्षेत्र में आने वाले थाने में ही मामले की एफआईआर दर्ज हो सकती है. इस लिहाज से न तो एडिशनल चीफ ज्युडिशयल मजिस्ट्रेट 3, पटना सदर और न ही पटना के राजीव नगर थाने की पुलिस का इस मामले की जांच में कोई अधिकार बनता है. घटना की जांच मुंबई के बांद्रा वेस्ट थाने की पुलिस कर सकती है और उसे रिपोर्ट एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, बांद्रा को देनी होगी.
याचिका में यह भी कहा गया है कि जिस तरह से पटना में रिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है, उससे साफ लगता है कि शिकायतकर्ता यानी सुशांत के पिता का वहां पर बड़ा प्रभाव है. ऐसे में बिहार में निष्पक्ष जांच की उम्मीद भी नहीं की जा सकती है. इन तमाम बातों का हवाला देते हुए अभिनेत्री की तरफ से यह मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट सीआरपीसी की धारा 406 के तहत पटना में दर्ज एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर करने का आदेश दे.
सुप्रीम कोर्ट में अभी मामले की सुनवाई की तारीख तय नहीं हुई है. लेकिन इतना साफ है कि रिया की याचिका पर कोर्ट कोई भी आदेश बिहार सरकार और सुशांत के पिता का पक्ष सुने बिना नहीं देगा.