नई दिल्ली: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में रिया चक्रवर्ती की याचिका पर आज सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया. कोर्ट ने सभी पक्षों को अपनी दलीलों पर संक्षिप्त नोट जमा करवाने को कहा है.
केंद्र सरकार के वकील तुषार मेहता ने कहा कि CrPC 174 के तहत शुरू दुर्घटना में मौत की जांच बहुत कम समय तक चलती है. बॉडी देख कर और स्पॉट पर जाकर देखा जाता है कि मौत की वजह संदिग्ध है या नहीं. फिर FIR दर्ज होती है. मुंबई पुलिस जो कर रही है, वह सही नहीं है.
सुशांत के पिता की दलील
इससे पहले सुशांत सिंह राजपूत के पिता के वकील विकास सिंह ने कहा कि सुशांत को परिवार से दूर किया जा रहा था. पिता ने बार-बार पूछा कि मेरे बेटे का क्या इलाज हो रहा है? मुझे वहां आने दो. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. मामले में कई पहलू जांच के लायक हैं. ऐसा लग रहा है कि गले पर निशान बेल्ट के थे. बॉडी को किसी ने पंखे से लटका हुआ नहीं देखा.
उन्होंने कहा, ''दूसरा पक्ष मीडिया रिपोर्ट के आधार पर दलील दी रहा है. लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा. मीडिया तो यह भी कह रहा है कि मामले में सीएम का बेटा भी शामिल है. लेकिन मुझे इस पर कुछ नहीं कहना.''
महाराष्ट्र सरकार क्या बोली?
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि देश मे संघीय ढांचा है. क्या शिकायतकर्ता की सुविधा के लिए कहीं भी केस दर्ज कर लिया जाएगा? इस केस में हर कोई वकील और जज बन गया है. कोई कह रहा है आत्महत्या है, कोई हत्या. लेकिन यह तय है कि मामले में आपराधिक मुकदमा प्रक्रिया की हत्या हो रही है.
उन्होंने कहा, ''मीडिया मामले को कितना भी सनसनीखेज बनाए. इससे कोर्ट को फर्क नहीं पड़ता. बिहार पुलिस को जिस जांच का अधिकार ही नहीं. वही जांच वह CBI को सौंप देती है. SC चाहे तो FIR को एक राज्य से दूसरे राज्य या एजेंसी को ट्रांसफर कर सकता है. लेकिन इस मामले में जो हुआ है वह ग़ैरकानूनी है.''
बिहार सरकार के वकील की दलील
बिहार सरकार के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि मुंबई पुलिस 25 जून के बाद भी बयान दर्ज करती रही. इकलौती एफआईआर पटना पुलिस ने दर्ज की. ऐसा लगता है कि मुंबई पुलिस पर मामले को ढंकने के लिए दबाव है. जांच के लिए गई बिहार की टीम को जबरन क्वारंटीन कर दिया गया. यह किस तरह का रवैया है?
उन्होंने कहा, ''अगर सुशांत के खाते से 15 करोड़ रुपए गायब हुए हैं तो सुशांत के पिता को पटना में रिपोर्ट दर्ज करवाने का हक था. मुंबई पुलिस ने सिर्फ मीडिया को दिखाने के लिए जांच का दिखावा किया. हकीकत में कोई जांच नहीं की. सही मायनों में 25 जून के बाद कानूनन मुंबई में कोई जांच लंबित नहीं है.''
रिया चक्रवर्ती के वकील क्या बोले?
सुनवाई के दौरान रिया चक्रवर्ती के वकील श्याम दीवान से जज ने पूछा कि आपने खुद याचिका में कहा कि आप सीबीआई जांच चाहते हैं. क्या यह सही है?
दीवान ने कहा, ''हां. लेकिन हम निष्पक्ष जांच चाहते हैं. जिस तरह से जांच CBI को दी गई, उस पर हमें शक है. पहले मामला मुंबई पुलिस को दिया जाए. फिर बाद में तय हो.''