पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को एक बार फिर आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर बेनामी संपत्ति को लेकर निशाना साधा. सुशील मोदी ने कहा कि कल तक चार्जशीट दाखिल करने की चुनौती देने वाले तेजस्वी यादव सीबीआई की पूछताछ के बाद तिलमिला गए हैं.
सुशील मोदी ने सवाल करते हुए पूछा कि तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी केवल इतना बता दें कि मात्र 64 लाख रुपये की पूंजी लगाकर पटना की तीन एकड़ जमीन (बाजार मूल्य 94 करोड़ रुपये से अधिक) के मालिक कैसे बन गए? सुशील मोदी ने दावा करते हुए कहा कि वह (तेजस्वी) अगर बिहार की जनता को केवल यह बता देते कि 28 साल की उम्र में बिना किसी नौकरी-व्यवसाय के 750 करोड़ के मॉल के मालिक कैसे बन गए तो उन्हें उपमुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं गंवानी पड़ती. पटना की तीन एकड़ जमीन पर इस मॉल का निर्माण हो रहा था.
बिहार के उपमुख्यमंत्री ने तेजस्वी यादव से सवालिया लहजे में पूछा, "क्या रेलवे के दो होटलों को लीज पर देने की एवज में हर्ष कोचर की कंपनी से प्रेमचन्द गुप्ता की डिलाइट मार्केटिंग के नाम पर पटना में तीन एकड़ जमीन बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर नहीं लिखवा ली गई थी?" उन्होंने कहा कि आखिर प्रेमचन्द गुप्ता ने अपनी करोड़ों की जमीन और पूरी कंपनी (डिलाइट मार्केटिंग) राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को क्यों सौंप दी. 2014 में 85 प्रतिशत शेयर राबड़ी देवी और 15 प्रतिशत शेयर का स्वामित्व तेजस्वी यादव ने कैसे हासिल कर लिया?
बीजेपी नेता ने कहा कि यह बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर डिलाइट कंपनी के पुराने निदेशकों को साल 2014 में हटा कर तेज प्रताप, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, चन्दा यादव, रागिनी और लालू प्रसाद 2014 से 2016 के बीच इस कंपनी के निदेशक कैसे बने? सुशील मोदी ने कहा कि सीबीआई के दरवाजा खटखटाते ही तेजस्वी यादव न केवल परेशान हैं बल्कि उनके होश भी उड़ गए हैं. उन्होंने कहा कि लालू परिवार के बचाव में उतरे शिवानंद तिवारी ने ही 2008 में शरद यादव के नेतृत्व में इस मामले को तत्कालीन प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया था.
सुशील मोदी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अनाप-शनाप आरोप लगा कर न तो अपने अपराध से बच सकता है और न ही जनता की सहानुभूति प्राप्त कर सकता है. गौरतलब है कि मंगलवार को सीबीआई की एक टीम ने पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचकर राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से चार घंटे तक पूछताछ की थी. इसके बाद तेजस्वी ने इसे बदले की कार्रवाई बताया था.