नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और गांधी परिवार के सबसे बड़े भरोसेमंद लोगों में से एक सुशील कुमार शिंदे को कांग्रेस अध्यक्ष की कमान मिल सकती है. सुशील कुमार शिंदे कांग्रेस का दलित चेहरा हैं जिस पर गांधी परिवार आंख बंद करके भरोसा करता है. लेकिन पार्टी में एक तबक़ा ऐसा है जिसका मानना है कि जयपुर अधिवेशन में सुशील कुमार शिंदे ने 'हिन्दू आतंकवाद' का ज़िक्र किया था जिससे पार्टी को 2014 और अब 2019 के चुनाव में बहुत बड़ा नुकसान हुआ.


कांग्रेस पार्टी की जो आज एंटी हिन्दू छवि है उसका एक बड़ा कारण सुशील कुमार शिंदे भी हैं, लेकिन वहीं शिंदे के पक्षधर ये भी तर्क दे रहे हैं कि इन्हीं सुशील कुमार शिंदे ने कसाब और अफ़ज़ल गुरू जैसे आतंकवादियों को गृह मंत्री रहते फांसी भी दी.


शिंदे के बारे में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि दो साल पहले जब उन्हें पार्टी महासचिव के तौर पर हिमाचल प्रदेश का प्रभारी बनाया गया तो उन्होंने कहा कि आप सोनिया गांधी को कहिए कि महज चार लोकसभा सीट वाले प्रदेश की कमान ना दें. मुझे किसी बड़ें राज्य का प्रभार दिया जाए. लेकिन जब शिंदे सोनिया गांधी के सामने गए और सोनिया ने उन्हें कहा कि आपको हिमाचल प्रदेश का प्रभारी बनाया जा रहा है तो उन्होंने मुस्कुराते हुए हाथ जोड़कर स्वीकार कर लिया.


ऐसे में दलित चेहरा और गांधी परिवार के प्रति भरोसा सुशील कुमार शिंदे को कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे बनाए हुए हैं. इससे पहले 25 मई को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने अपने इस्तीफ़े की पेशकश कर दी थी उसके बाद बहुत बार राहुल को मनाने की कोशिश हुई लेकिन उन्होंने अध्यक्ष पद पर रहने से मना कर दिया. कल जब कांग्रेस के मुख्यमंत्री राहुल गांधी से अनुरोध करने गए तो राहुल ने अपना फ़ैसला बदलने से मना कर दिया था.


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