बिहार बीजेपी के कद्दावर नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में 15 मई से 28 मई के बीच एनपीआर का काम शुरू होगा. वहीं उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू नेता श्याम रजक ने कहा कि ये घोषणा उनका (सुशील मोदी का) निजी बयान हो सकता है.


सुशील मोदी ने कहा कि देश का कोई भी राज्य सीएए और एनपीआर को लागू करने से इंकार नहीं कर सकता है. बंगाल, केरल या फिर कोई अन्य राज्य इससे इंकार नहीं कर सकता. बिहार की बात करें तो यहां 15 से 28 मई तक एनपीआर का काम किया जाएगा.


उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान ही एनपीआर का निर्णय लिया गया था. सोचिए कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में हिंदुओं और सिखों की संख्या क्या रह गई है.


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उन्होंने पटना में मीडिया को सम्बोधित करने से पहले दो वीडियो क्लिप दिखाए जिसमें पी चिदंबरम और अजय माकन ने NPR पर बयान दिया था. सुशील मोदी ने कहा कि किस तरह से पाकिस्तान के मुस्लिम समाज ने गुरुद्वारे पर हमला किया. इस तरह के हजारों उदाहरण हैं.


उन्होंने कहा कि अभी भी पूर्वी पाकिस्तान से भागे हुए बंगाली हिन्दू बिहार के कई जिलों में बसे हुए हैं और इसके सर्वेक्षण का निर्णय लिया गया और पाया गया कि ये वो लोग हैं जो अत्यंत पिछड़े वर्गों से आते हैं.


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सुशील मोदी ने कहा कि ''15 मार्च 2010 में मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा ये निर्णय लिया गया था और इसे 30 सितंबर 2010 तक पूरा करने का निर्णय लिया गया. तो ये यूपीए सरकार की देन है.''


बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ''संविधान की धारा 256 में ये कहा गया है कि संसद द्वारा बनाई गई नीतियों का राज्य को सुनिश्चित रूप से पालन करना जिम्मेदारी है. केरल, बंगाल या कोई सरकार इसे लागू करने से नहीं रोक सकती.''


जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि किसी कैबिनेट में ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ है. जहां तक बात सुशील मोदी के बयान की है तो ये उनका व्यक्तिगत बयान हो सकता है.