नई दिल्ली: बॉर्डर पर पाकिस्तान की नापाक हरकतों की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलती नजर नहीं आ रही है. इसका असर संयुक्त राष्ट्र में सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक में भी देखने को मिला. वेस्टिन होटल में हुई बैठक में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी मौजूद थे. लेकिन दोनों में कोई दुआ सलाम नहीं हुई. बैठक में अपना वक्तव्य देने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान विदेश मंत्री के भाषण से पहले अगले इंगेजमेंट के लिए रवाना हो गईं.
सुषमा स्वराज के ना रुकने से बौखलाए पाक विदेश मंत्री
बैठक के बाद शाह महमूद कुरैशी सुषमा स्वराज के चले जाने को लेकर बौखलाए दिखे. सुषमा स्वराज के जाने पर के सवाल पर कुरैशी ने कहा, ''मैंने उनका बयान सुना, उन्होंने क्षेत्रीय सहयोग की बात की. क्षेत्रीय सहयोग कैसे संभव है, जब हर कोई बैठकर एक-दूसरे की बात सुन रहा है और आप उसे ब्लॉक कर रहे हो.' नमालूम उनकी तबियत ठीक नहीं थी या क्या वजह थी, मैंने उनका भाषण पूरे गौर से सुना लेकिन वो हमारी बात सुनने के लिए भी नहीं रुकीं.''
एबीपी न्यूज़ के सवाल, सार्क की पिछली बैठक भारत ही नहीं अफगानिस्तान और बांग्लादेश की तरफ से आतंकवाद के मुद्दे पर जताई गई चिंता के बाद रद्द हुई थी. क्या आतंकवाद मुद्दा ही नहीं है आपके लिए? इस पर पाक विदेश मंत्री ने कहा कि आज की बैठक में आतंकवाद का मुद्दा अफगानिस्तान ने नहीं उठाया, बांग्लादेश ने नहीं उठाया. भारत की तरफ से क्षेत्रीय माहौल ठीक न होने तक सार्क शिखर सम्मेलन आयोजित न हो पाने की दलील कमज़ोर. ठीक माहौल क्या है यह कौन तय करेगा? दुनिया के अन्य मुल्क बात कर रहे हैं तो फिर सार्क मुल्क क्यों नहीं बात कर सकते आपस में. कुरैशी ने कहा की दक्षिण एशिया के 1 अरब 78 करोड़ लोगों को यह सोचना होगा कि उनके बेहतरी के मुद्दे किस मुल्क की ज़िद के आगे गिरवी रखे हैं.
सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को किया पानी-पानी
न्यूयॉर्क में सार्क की बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में पाकिस्तान को शर्म से पानी पानी कर किया. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ''क्षेत्र के आर्थिक विकास, सुरक्षा और समृद्धि के लिए शांति का माहौल जरूरी है, आतंकवाद दक्षिण एशियाई क्षेत्र और विश्व के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद को हर स्तर पर खत्म करना होगा और इसको संरक्षण देने वाली ताकतों को भी नष्ट करना होगा.''
विदेश मंत्री ने कहा, ''हमारे क्षेत्र और विश्वभर में शांति और स्थिरता के लिए आतंकवाद इकलौता सबसे बड़ा खतरा है. यह जरूरी है कि हम आतंकवाद के हर स्वरूप को खत्म करने के लिए काम करें और सहयोग का माहौल पैदा करें.'' इस बीच सार्क को लेकर पाकिस्तान ने भारत जो आरोप लगाए उनका भी विदेश मंत्रालय ने खंडन किया और आरोपों को हकीकत से दूर और निराधार बताया.
न्यूयॉर्क में सार्क देशों की बैठक में भाव ना मिलने पर पाकिस्तान तिलमिला गया है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आरोप लगाया है कि भारत सार्क की राह की सबसे बड़ी अड़चन है. आतंकवाद पर एबीपी न्यूज के सवाल के जवाब में कुरैशी ने कहा कि सिर्फ भारत ऐसा आरोप लगा रहा है, लेकिन ठीक माहौल क्या होता है ये कौन तय करेगा.