नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज राज्यसभा में जानकारी दी कि 2014 में इराक के मोसुल शहर से लापता हुए 39 भारतीयों की हत्या कर दी गई. विदेश मंत्री लोकसभा में हंगामे की वजह से बयान नहीं दे पाईं. इसके लिए उन्होंने सीधे तौर पर कांग्रेस को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि इतने संवेदनशील मुद्दे पर हंगामा करके कांग्रेस ने ओछी राजनीति की सारी हदें पार कर दीं.


राज्यसभा में सभी बहुत शालीनता से मेरी बात सुनी
विदेश मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''राज्यसभा में इराक के मुद्दे पर बोलना चाहती थी लेकिन जिस तरह से संसद चल रही थी एक अनिश्चितता थी कि शायद आज बोलने ना दिया जाए. सुबह जब मैंने वैंकेया जी से बात की, उन्होंने कहा कि मैं नेताओं से बात करूंगा कि इतने संजीदा विषय पर सभी बात को सुनेंगे. राज्यसभा में सभी ने बहुत शालीनता से मेरी बात सुनी और मेरे कहने पर मौन भी रखा.''


लोकसभा में सभी ने कहा- हम हंगामा नहीं करेंगे
उन्होंने कहा, ''मुझे लगा कि ऐसे ही मेरी बात लोकसभा में भी सुनी जाएगी. मैं राज्यसभा से सीधे लोकसभा स्पीकर के पास गई. मैंने उनसे कहा कि राज्यसभा की तरह ही अगर आप लोकसभा में हंगामा कर रहे सांसदों से बात कर लें और मैं शांति से अपनी बात रख पाऊं. उन्होंने सभी से बात करवाई, सभी ने कहा कि हम दीर्घा में तो जरूर रहेंगे लेकिन हंगामा नहीं करेंगे और अपने प्ले कार्ड नीचे कर लेंगे.''


ज्योतिरादित्य के नेतृत्व में कांग्रेस ने हंगामा किया
विदेश मंत्री ने कहा, ''आज लोकसभा में जो हुआ सबने देखा, जिन लोगों ने हामी भरी थी वो सभी चुप थे, नारा नहीं लगा रहे थे. आज लोकसभा में हंगामे का नेतृत्व कांग्रेस ने किया. ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने खुद इसका नेतृत्व किया. पूरी कार्यवाही में स्पीकर साहिबा ने कई बार कहा कि क्या संवेदनहीनता समाप्त हो गई है. वो बार-बार ज्योतिरादित्य सिंधिया जी की तरफ इशारा भी कर रही थीं कि आप तो बैठिए.''


कांग्रेस ने ओछी राजनीति की हदें पार कर दीं
विदेश मंत्री ने कहा, ''अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस इतने दिन से चुप थी. उनका स्टैंड है कि हम इस पर चर्चा चाहते हैं. लेकिन जब चार साल के प्रयासों का पटाक्षेप हो रहा था तब कांग्रेस ने हंगामे का बीड़ा उठाया. कांग्रेस का आज का व्यवहार ओछी राजनीति की सारी हदें पार कर दीं.''


उन्होंने कहा, ''मैंने दो बार दोनों सदन में यह बात पूछी कि आप बताइए कि जांच जारी रखें कि लापता मानकर मृत घोषित कर दें. सभी ने कहा कि आप अपनी जांच जारी रखें. कांग्रेस या कोई भी जांच में हमारी मदद नहीं कर सकता था. मेरा मन सिर्फ इस बात से दुखी है कि इतने संवेदनशील मामले पर आज उन्होंने लोकसभा में बात नहीं रखने दी."


सिर्फ एक व्यक्ति की बात मानकर जांच बंद नहीं कर सकते थे
विदेश मंत्री ने कहा, ''हरजित मसीह एक व्यक्ति है और हम एक सरकार हैं. क्या एक व्यक्ति की बात पर भरोसा करके हम ये एलान कर देते कि सभी मारे गए. उनको खोजने का प्रयास बंद कर देते. दुनिया में ऐसी भी सरकारें जो लापता लोगों को मृत घोषित कर देती हैं. उसमें कुछ करना ही नहीं पड़ता है. आज हमारे पास उनके डीएनए सैंपल मैचिंग की रिपोर्ट है, जिसके आधार पर हम कह सकते हैं कि वो मृत हैं.''


भारत पहला देश है जो अपने नागरिकों के शव ला रहा है
विदेश मंत्री ने कहा, ''वहीं सिर्फ भारत ते ही नागरिक नहीं थे कई देशों के नागरिकों की कब्रें मिली हैं. लेकिन जहां तक मेरा अनुमान है सिर्फ भारत ही पहला ऐसा देश है जो सभी नारगिकों के शवों की पहचान कर उन्हें वापस ला रहा है.''


किन किन राज्यों के हैं मृतक नागरिक?
विदेश मंत्री ने कहा, ''चार साल में हमने ऐसा कोई प्रयास नहीं छोड़ा जिसमें उन्हें जिंदा या मृत वापस लाने के लिए बात ना की गई हो. जिन 38 लोगों के शव मिलें हैं उनमें पंजाब के 27, हिमाचल के 4, बिहार के 6, पं बंगाल के 2 नागरिक हैं. जिस एक व्यक्ति का डीएनए पूरी तरह मैच नहीं हुआ है वो बिहार का है, उसका नाम राजू यादव है.''


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