जाधव केस को ICJ पहुंचाने से लेकर बॉलीवुड को इंडस्ट्री घोषित करने तक....ये हैं सुषमा स्वराज के बड़े काम
सुषमा स्वराज को विदेश में मुसीबत में फंसे भारतीयों तक पहुंचने में सक्रिय होने के साथ विदेश मंत्री की भूमिका को नई उंचाई तक ले जाने के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में लोकसभा की कार्यवाही के लाइव प्रसारण की शुरुआत की.
नई दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, जिनका मंगलवार रात को निधन हो गया, वह एक ऐसी नेता थीं जिन्होंने अपने लंबे राजनीतिक कार्यकाल में बतौर नेता कई भूमिकाएं निभाईं. उन्हें विदेश में मुसीबत में फंसे भारतीयों तक पहुंचने में सक्रिय होने के साथ विदेश मंत्री की भूमिका को नई उंचाई तक ले जाने के लिए याद किया जाएगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में उनका संक्षिप्त कार्यकाल भी काफी महत्वपूर्ण था, क्योंकि वो राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी थीं. इसके साथ ही यह भी काफी महत्वपूर्ण रहा कि 1977 में वह 25 साल की उम्र में हरियाणा कैबिनेट की मंत्री बनने वाली सबसे युवा नेता थीं. कुछ ऐसे ही बड़े कामों के बारे में जानिए जो सुषमा स्वराज ने अपने राजनीतिक सफर के दौरान किए...
सुषमा स्वराज के 5 बड़े काम
1- जाधव केस को इंटरनेशनल कोर्ट पहुंचाया
नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में राजनयिक संपर्क के रिक्वेस्ट को पाकिस्तान द्वारा 16 बार इंकार करने पर भारत ने 2017 में आठ मई को ICJ का रुख किया था. इसमें तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बड़ा रोल था. कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य कोर्ट ने जासूसी के लिए मौत की सजा सुनाई है. भारत ने जाधव को मौत की सजा सुनाए जाने को चुनौती दी थी. बीते 19 जुलाई को कुलभूषण जाधव मामले पर आईसीजे में भारत की बड़ी जीत हुई है. नीदरलैंड के हेग स्थित आईसीजे ने पाकिस्तान से कहा है कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को दी गई मौत की सजा की समीक्षा करे.
2- विदेश मंत्री रहते 90 हजार लोगों की मदद
विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज का कार्यकाल दूर देश में फंसे भारतीयों की मदद के लिए विशेष रूप से याद किया जाता है. सुषमा एक ट्वीट पर मदद के लिए उपलब्ध रहती थीं. सुषमा की पहल पर ही पाकिस्तान की जेल में बंद हामिद अंसारी नाम के शख्स की भारत वापसी संभव हो पाई थी. सुषमा ने अपने कार्यकाल के दौरान तकरीबन 90 हजार लोगों की मदद की थी.
3- तत्काल पासपोर्ट स्कीम को आसान बनाया
सुषमा स्वराज जब विदेश मंत्री थीं तो उनके मंत्रालय ने देशभर में सालों से पड़ी होल्ड फाइल की पेंडेंसी खत्म करने के लिए तीन महीने की समय सीमा तय कर दी थी. यानी पासपोर्ट की प्रोसेस के दौरान अधूरे दस्तावेज प्रस्तुत करने वाले आवेदक 3 महीने के अंदर जमा नहीं करते हैं तो उनकी फाइल ऑटोमेटिक क्लोज हो जाएगी. इसके बाद आवेदक को नए सिरे से पासपोर्ट के लिए अप्लाई करना होगा. इसके अलावा पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन करना आसान कर दिया था. इसके लिए आवेदक को सिर्फ अपनी आधार कार्ड की डिटेल देना जरूरी होता था.
4- संसद का LIVE प्रसारण शुरू करवाया
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान सुषमा ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाला था. इसी दौरान उन्होंने केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में लोकसभा की कार्यवाही के लाइव प्रसारण की शुरुआत की.
5- बॉलीवुड को इंडस्ट्री घोषित किया
बॉलीवुड को अंडरवर्ल्ड से निजात दिलाने में सुषमा स्वराज की अहम भूमिका थी. जब वह केंद्र में सूचना और प्रसारण मंत्रालय की कैबिनेट मंत्री बनीं, तो उन्होंने बॉलीवुड को एक इंडस्ट्री के तौर पर घोषित किया था.
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