गोरखपुरः बीआरडी मेडिकल कालेज में 10-11 अगस्‍त 2017 की रात हुए ऑक्‍सीजन कांड में 36 बच्‍चों की मौत के मामले में जेल जा चुके पूर्व निलंबित प्राचार्य डा. राजीव मिश्र 30 जून 2020 को सेवानिवृत्‍त हो गए. वे बीआरडी मेडिकल कालेज के पैथालॉजी विभाग में प्रोफेसर रहे हैं. ऑक्‍सीजन कांड में डा. राजीव मिश्र के अलावा उनकी पत्‍नी डा. पूर्णिमा शुक्‍ल समेत कुल नौ लोगों को जेल जाना पड़ा था. इस कांड ने बीआरडी मेडिकल कालेज को राष्‍ट्रीय सुर्खियों में ला दिया. ऑक्‍सीजन बाधित होने से हुई 36 नवजात की मौत के मामले में नौ लोगों को आरोपी बनाया गया था.


बीआरडी मेडिकल कालेज के पूर्व प्राचार्य प्रो राजीव मिश्र आज 46 वर्ष की सेवा के बाद रिटायर हो गए. वे बीआरडी मेडिकल कालेज के पैथालॉजी विभाग में प्रोफेसर रहे हैं. विभाग के चिकित्सकों और स्टाफ ने 30 जून को उनको विदाई दी. प्रो. मिश्र को 10 अगस्त 2017 को हुए आक्सीजन कांड के बाद निलम्बित कर दिया गया. उन्हें बाद में गिरफ्तार भी किया गया. उनकी पत्नी डा. पूर्णिमा शुक्ल को भी इस मामले में आरोपित बनाते हुए गिरफ्तार किया गया. दोनों की सुप्रीम कोर्ट से जमानत हुई.


प्रो. राजीव मिश्र दस महीने 11 दिन तक जेल में रहे. सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह 9 जुलाई 2018 को रिहा हुए. आक्सीजन कांड में उन्हें और उनकी पत्नी डा. पूर्णिमा शुक्ल को 29 अगस्त को कानपुर से गिरफ्तार किया गया था. आक्सीजन कांड में पुलिस ने प्रो. मिश्र के विरूद्ध 409, 308,120 बी आईपीसी, 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और उनकी पत्नी डा. पूर्णिमा शुक्ल के विरूद्ध 120 बी आईपीसी, 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है.


प्रो. मिश्र के खिलाफ विभागीय जांच पूरी हो जाने के बाद उन्हें पांच मार्च 2020 को बहाल कर दिया गया. इसके बाद उन्होंने पैथालॉजी विभाग में फिर से ज्वाइन कर लिया. प्रो मिश्र वर्ष 2007 से 2017 तक इस विभाग के अध्यक्ष रहे. उन्हें 21 जनवरी 2016 को बीआरडी मेडिकल कालेज का प्रधानाचार्य बनाया गया. वे इस पद पर 12 अगस्त 2017 तक रहे. ऑक्‍सीजन कांड में आरोपी बनाए जाने के बाद उन्‍हें निलंबित कर दिया गया. प्रो. मिश्र ने बीआरडी मेडिकल कालेज से ही पढ़ाई की. उन्होंने साल 1974 में यहां एमबीबीएस में एडमिशन लिया. फिर उन्होंने पीजी की पढ़ाई पूरी की. वर्ष 1980 में उन्होंने पैथालॉजी विभाग में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर ज्वाइन किया.


ऑक्‍सीजन कांड में आरोपी बनाए जाने के बाद डा. राजीव मिश्र और उनके परिवार ने मीडिया से दूरी बना ली. वे उसके बाद न तो कभी मीडिया के सामने आए और न ही अपने पक्ष में कोई भी बात मीडिया के सामने रखी. फिलहाल इस मामले में कोर्ट के निर्णय के बाद ही ये तय हो पाएगा कि वे इस कांड में दोषी रहे हैं या फिर ऑक्‍सीजन कांड का दाग साए की तरह आजीवन उनके साथ रहेगा.


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