नई दिल्ली: राज्यसभा में किसान बिल को लेकर हंगामे की वजह से 8 सांसदों को सदन से सस्पेंड कर दिया गया. सभी 8 निलंबित सांसद गांधी मूर्ति के सामने धरने पर बैठ गए और विरोध के गाने गाते रहे. रविवार को राज्यसभा में जिस कदर हंगामा हुआ, उसकी वजह से सभापति वेंकैया नायडू ने इन सांसदों को सस्पेंड किया था. अब देखना है कि ये धरना आगे भी इसी तरह जारी रहता है या इस आंदोलन को खत्म करने के लिए बीच का रास्ता निकाला जाता है.
निलंबित किए गए सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, आप के संजय सिंह, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम शामिल हैं. सभी सांसद रविवार को कृषि विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में विरोध कर रहे थे.
राज्यसभा सभापति क्या बोले?
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को राज्यसभा में हुए हंगामे की निंदा करते हुए कहा कि यह राज्यसभा के लिए सबसे खराब दिन था. उपसभापति हरिवंश को धमकी दी गई. उन्होंने कहा, "इससे मुझे बहुत दुख पहुंचा है, क्योंकि सदन में कल जो हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण, अस्वीकार्य और निंदनीय है."
उन्होंने कहा, "सदन में कोरोना वायरस के सरकारी दिशा-निर्देशों का भी पालन नहीं किया गया, अगर हम इसका अनुपालन नहीं करते हैं तो आम आदमी से क्या उम्मीद रखेंगे. कुछ संसद सदस्य वेल तक जा पहुंचे और पेपर फेंका, माइक तोड़ दिया, रूलबुक को फेंक दिया. यहां तक कि उपसभापति को भी धमकी दी गई. क्या यही संसद का स्टैंडर्ड है?"
उन्होंने आगे कहा, "उपसभापति को शारीरिक रूप से धमकी दी गई और कहा गया कि अगर समय से मार्शल न आते तो उनके साथ बहुत बुरा होता. इन सब चीजों को जानकर मैं चिंतित हूं." उपसभापति के खिलाफ विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को सभापति वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह उचित प्रारूप में नहीं है.
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