भोपाल: मध्य प्रदेश में कौन बनेगा मुख्यमंत्री इस बात को लेकर सस्पेंस बढ़ गया है. क्योंकि बीजेपी ने सोमवार तक सारी राजनीतिक गतिविधियों पर भोपाल में रोक लगा दी है. पहले जहां पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम आगे था, अब उनके नाम की घोषणा में हो रही देरी कुछ और कह रही है. ऐसा लगता है आलाकमान शिवराज के अलावा कुछ और नाम पर भी विचार कर रहा है.


वैसे एक बात ये भी आ रही है कि क्या मध्य प्रदेश में बीजेपी यूपी मॉडल लागू कर सकती है, सूत्रों की मानें तो जवाब है हां. राज्य में बीजेपी ने कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस को सत्ता से हटने पर मजबूर कर दिया. सूत्रों के मुताबिक सिंधिया खेमे के 22 विधायकों को सत्ता में भागीदारी देने के लिये राज्य में एक मुख्यमंत्री और दो उप-मुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर सोचा जा रहा है.


मध्य प्रदेश बीजेपी के सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व सोमवार को इस बारे में अंतिम फैसला ले सकता है कि राज्य में नई सरकार का नेतृत्व कौन करेगा. 25 मार्च जिस दिन से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी राज्य में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.


इससे जुड़े घटनाक्रम में शनिवार को दिल्ली में 22 में से 21 ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक बागी कांग्रेस नेता, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर में पार्टी में शामिल हो गए. इस मौके पर ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा शामिल थे.


ये सभी 22 विधायक 10 मार्च से बेंगलुरु में थे और शनिवार को दिल्ली लौट आए. दिल्ली में बीजेपी में शामिल होने के बाद 21 विधायक शाम को भोपाल वापस आ गए. इन विधायकों ने दो दिन पहले तक भोपाल आने में सुरक्षा की चिंता जताते हुए लौटने से इंकार कर दिया था.


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