लोकसभा: कांग्रेस के सभी सांसदों का निलंबन वापस हुआ, स्पीकर ने कहा- संसद की मर्यादा सबसे ऊपर
कांग्रेस सांसदों को अनुशासनहीनता के आरोप में 5 मार्च को संसद के बजट सत्र के बाक़ी बचे दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था.इन सांसदों में मन्निकम टैगोर, गौरव गोगोई, टी एन प्रतापम, राजमोहन उन्नीनाथम, गुरप्रीत सिंह, बेनी बन्नान और डीन कुरियाकोस शामिल थे.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में सरकार बचाने के लिए जूझ रही कांग्रेस के लिए आज संसद से राहत भरी ख़बर आई. पार्टी के सभी सात लोकसभा सदस्यों का निलम्बन ख़त्म कर दिया गया है. सभी पार्टियों की ओर से निलंबन वापस करने की अपील की गई थी, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मान लिया.
सर्वदलीय बैठक में हुआ फ़ैसला आज 11 बजे जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, तो कांग्रेस के सांसदों ने अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन किरीट सोलंकी से अपने सभी सांसदों के निलंबन की मांग करने लगे. हो हल्ला होने के बाद सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. बैठक में सरकार के प्रतिनिधि के अलावा कांग्रेस और अन्य सभी दलों के प्रतिनिधि भी शामिल थे. बैठक में सभी दलों ने एकमत से स्पीकर से सांसदों का निलंबन वापस करने का सुझाव दिया, जिसे स्पीकर ने मान लिया.
5 मार्च को निलंबित किया गया था इन सांसदों को अनुशासनहीनता के आरोप में 5 मार्च को संसद के बजट सत्र के बाक़ी बचे दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था. इन सांसदों में मन्निकम टैगोर, गौरव गोगोई, टी एन प्रतापम, राजमोहन उन्नीनाथम, गुरप्रीत सिंह, बेनी बन्नान और डीन कुरियाकोस शामिल थे. दिल्ली हिंसा पर सदन में तुरन्त चर्चा करवाने की मांग कर रहे इन सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष की मेज पर काग़ज़ के टुकड़े फेंके थे, जिससे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला बेहद नाराज़ हो गए थे. यहां तक कि वो सदन की कार्यवाही में हिस्सा भी नहीं ले रहे थे.
'सदन की मर्यादा सबसे ऊपर' निलंबन वापसी के लिए संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया. प्रस्ताव पारित होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ने पिछले हफ्ते हुई घटनाओं को संसद के लिए दुखद बताया. ओम बिड़ला ने कहा कि वो व्यक्तिगत तौर पर दुखी हैं. उन्होंने सांसदों को फिर चेताया कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है और इसकी मर्यादा सबसे ऊपर रखनी होगी.
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