नई दिल्ली: देश में नकली दवाइयों की शिकायत अक्सर सुनने को मिलती है. कई बार हमें समझ नहीं आता कि ऐसे में हम क्या करें. लेकिन अगर ये घटना देश के खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान के साथ घटे तो फिर क्या होता देखिए.
हुआ यों कि कोरोना काल में राम विलास पासवान के घर में भी बाकी घरों की तरह एक मल्टी विटामिन की दवाई का इस्तेमाल किया जा रहा था. एक दिन पासवान की नज़र उस दवाई पर पड़ी तो उन्हें मामला कुछ ठीक नहीं लगा. उन्होंने उस कैप्सूल की पट्टी उठा कर देखा तो उसपर एक्सपायरी की तारीख़ नहीं लिखी थी. ये देखते ही उन्हें शक़ हुआ. उन्होंने देखा कि नए नियमों के मुताबिक़ दवाई पर जो जानकारी दी गई है वो छोटे छोटे अक्षरों में है जिन्हें पढ़ना बहुत मुश्किल था. इसके अलावा दवाई की पट्टी पर कन्जयूमर हेल्पलाइन नम्बर भी नहीं लिखा हुआ था.
ऐसे में जब रामविलास पासवान को शक़ हुआ तो उन्होंने अपने मंत्रालय के अधिकारियों को इसकी जांच करने को कहा. दरअसल, देशभर में सभी डिब्बाबन्द और पैक्ड सामानों के नापतौल और उसकी पैकेजिंग का मामला पासवान के मंत्रालय के तहत काम करने वाले नापतौल विभाग के अंदर आता है जिसे लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट (Legal Metrology Department) कहा जाता है.
फिर क्या था , मंत्री जी की शिकायत पर विभाग ने काम करना शुरू किया दवा कम्पनी का पता आंध्र प्रदेश के गुंटूर शहर में निकला. फटाफट आंध्र प्रदेश के नापतौल विभाग से सम्पर्क साधा गया और उसके बाद उस दवाई के वितरक और विक्रेता के यहां छापा मारकर उस दवाई को ज़ब्त किया गया. उसके बाद उस वितरक और विक्रेता के ख़िलाफ़ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज़ करवा दिया गया है. अभी तक दवा बनाने वाली कम्पनी के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की गई है क्योंकि नक़ली दवा होने का शक़ जताया जा रहा है. दवा का नाम Seder OM है और ये विटामिन सी का टैबलेट है.
बता दें कि हाल ही में अस्तित्व में आए उपभोक्ता संरक्षण क़ानून के तहत किसी भी सामान के पैकेजिंग पर उस सामान से जुड़ी सारी जानकारी कन्जयूमर हेल्पलाइन नम्बर के साथ मोटे मोटे अक्षरों में लिखना अनिवार्य कर दिया गया है. जिन सामानों पर एक्सपायरी की तारीख लिखना ज़रूरी हो उसपर मोटे अक्षरों में ऐसा लिखना भी ज़रूरी बनाया गया है. वैसे सवाल ये है कि मंत्री जी के मामले में तो फटाफट कार्रवाई ही गई , क्या सरकार किसी आम आदमी के मामले में भी ऐसी त्वरित कार्रवाई का भरोसा दे सकती है ताकि लोगों को ऐसी ठगी से बचाया जा सके.
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