पश्चिम बंगाल विधानसभा ने विपक्ष के पूर्ण समर्थन के साथ राज्य का बलात्कार रोधी विधेयक सर्वसम्मति से मंगलवार को पारित कर दिया. इस विधेयक में रेप पीड़िता की मौत हो जाने या उसके कोमा में चले जाने पर दोषियों को मौत की सजा का प्रावधान का प्रस्ताव है. इसके अलावा रेप और गैंगरेप के दोषी व्यक्ति को आजीवन कारावास देने का प्रस्ताव है. इतना ही नहीं इस दौरान उन्हें पेरोल भी नहीं मिलेगी. हालांकि, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने  बंगाल सरकार के एंटी रेप विधेयक में संशोधन पेश किया. उन्होंने इसमें कई और मांगों को रखा.


- सुवेंदु अधिकारी ने मांग की कि अगर पुलिस स्टेशन FIR लेने से इंकार करता या देरी करता है, तो जिम्मेदार अधिकारियों को अधिकतम सजा मिले.
- मेडिकल परीक्षण या पोस्टमार्टम में देरी या लापरवाही के लिए हेल्थ अफसर के लिए सजा का प्रावधान हो.
- सबूत नष्ट होने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति या अधिकारी के खिलाफ सजा का प्रावधान. 
- जांच पुलिस अधिकारी और चिकित्सा परीक्षक या फिर स्वास्थ्य कर्मी द्वारा बयान बदलने पर सजा का प्रावधान रखा जाए. 
- गवाही के दौरान राज्य सरकार पुलिस द्वारा पूर्ण सुरक्षा मुहैया कराई जाए. 30 दिनों के ट्रायल पूरा होने पर हो सजा का ऐलान. 


जूनियर डॉक्टर से रेप की घटना के बाद लाया गया विधेयक

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में 9 अगस्त को जूनियर डॉक्टर के साथ रेप हुआ था. इसके बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया था. हालांकि, कोलकाता हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है. सीबीआई इस मामले में आरोपी संजय रॉय, आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत 10 लोगों का पॉलिग्राफी टेस्ट करा चुकी है. 


रेप की इस घटना के बाद पूरे बंगाल में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों ऐलान किया था कि वे जल्द इस पर कानून लाएंगी. इसी के तहत ममता बनर्जी ने विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र बुलाया था. इसमें ‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024’ बिल पेश किया गया. यह पास हो गया.