Suvendu Adhikari On Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले के संदेशखाली में जारी तनाव के बीच सत्तारूढ़ टीएमसी और विपक्षी बीजेपी आमने-सामने हैं. गुरुवार (15 फरवरी) को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर संदेशखाली में समस्या पैदा करने का आरोप लगाया और आरएसएस को घेरा. इस पर बीजेपी की ओर से पलटवार किया गया.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी के बयान की तीखी आलोचना की. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को देश विरोधी तक कहा और आरोप लगाया कि वह प्रतिबंधित संगठनों को संरक्षण दे रही हैं.
इससे पहले शुभेंदु अधिकारी को गुरुवार को संदेशखाली जाने के लिए निकले थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में पड़ने वाले रामपुर गांव में रोक दिया था.
क्या कुछ कहा सुभेंदु अधिकारी ने?
बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ''ये (ममता बनर्जी) एंटी नेशनल हैं, आरएसएस सबसे बढ़िया और सामाजिक संगठन है, उसके खिलाफ ये सब बात बोल रही हैं. वह बंगाल की डेमोग्राफी चेंज कर रही हैं, 9 डिस्ट्रिक्ट हाथ के बाहर हैं.''
शुभेंदु अधिकारी ने आगे कहा, ''जो प्रतिबंधित ऑर्गनाइजेशन हैं पीएफआई, सिमी और टुकड़े-टुकड़े गैंग को संरक्षण ममता बनर्जी दे रही हैं, वो देश विरोधी हैं, वो तो आरएसएस के खिलाफ बोलेंगी, आरएसएस तो राष्ट्रवादी है.'' उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी मुसलमान भी हम लोगों के साथ जुड़ा हुआ है, कश्मीर से कन्याकुमारी हमारा देश है, ये नारा है आरएसएस का.
क्या कहा था ममता बनर्जी ने?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी इलाके (संदेशखाली) के अमन में खलल डालने के लिए बाहर से लोगों को बुला रही है. उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा कि अशांत संदेशखालि क्षेत्र में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधि में शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा.
सीएम ने कहा, ‘‘क्षेत्र में अशांति फैलाने के लिए एक भयानक साजिश रची जा रही है और राज्य सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की है.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह पता चला है कि किस तरह बीजेपी कार्यकर्ताओं को लाया गया और योजनाबद्ध तरीके से हिंसा भड़काई गई. मुख्य निशाना शाहजहां शेख थे और ईडी ने उन्हें निशाना बनाते हुए इलाके में प्रवेश किया.’’
ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘इसके बाद उन्होंने वहां से सभी को बाहर निकाला और इसे आदिवासियों और अल्पसंख्यकों की लड़ाई की तरफ पेश किया.’’ तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह नई बात नहीं है. वहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आधार है. वहां 7-8 साल पहले दंगे हुए थे. यह दंगों के लिहाज से सबसे संवेदनशील स्थानों में से एक है.’’
संदेशखाली में क्यों है तनाव?
बता दें कि पिछले दिनों कथित राशन घोटाले की जांच के लिए संदेशखाली गए ईडी के अधिकारियों और सीएपीएफ के कर्मियों पर हमला हुआ था. ईडी की टीम टीएमसी नेता शेख शाहजहां के ठिकानों पर छापेमारी के लिए पहुंची थी.
उस घटना के बाद स्थानीय महिलाओं ने शेख शाहजहां और उनके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए. महिलाएं टीएमसी नेता के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. शाहजहां फरार हैं. बीजेपी और अन्य विपक्षी कार्यकर्ताओं को संदेशखाली में प्रवेश करने से रोकने के लिए क्षेत्र और उसके आसपास पुलिस बल तैनात किया गया है.
(भाषा इनपुट के साथ)