नई दिल्लीः स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) के तहत शौचालय निर्माण में पिछड़ रहे बिहार और उत्तर प्रदेश से एक राहत भरी खबर आई है. पहली बार इन दोनों राज्यों में कोई जिला खुले में शौच से मुक्त यानि ओडीएफ (ODF) घोषित हुआ है.
स्वच्छ भारत अभियान के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी निभाने वाले पेयजल और स्वच्छ मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर ने एबीपी न्यूज को ये जानकारी दी. अय्यर के मुताबिक, "ये अभियान के लक्ष्य की प्राप्ति की और एक अहम उपलब्धि है क्योंकि दोनों राज्यों में शुरुआत थोड़ी धीमी हुई थी लेकिन अब तेजी आ गई है".
बिहार में तीन और यूपी के नौ जिले हुए ओडीएफ घोषित
बिहार के तीन और उत्तर प्रदेश के नौ जिलों को ओडीएफ यानि खुले में शौच से मुक्त जिला घोषित किया गया है. जहां बिहार में रोहतास, शेखपुरा और सीतामढ़ी जिलों को ओडीएफ घोषित किया गया है तो वहीं उत्तर प्रदेश में बागपत, बिजनौर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, अमरोहा, मेरठ, मुजफ्फरनगर और शामली जैसे राज्य के पश्चिमी जिलों को ये उपलब्धि हासिल हुई है.
बिहार समेत 5 राज्यों में रफ्तार धीमी
बिहार समेत 5 राज्यों में अबतक स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण की गति काफी धीमी रही है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जहां राज्य में केवल 65 फीसदी घरों में ही शौचालय निर्माण हो पाया है तो वहीं देश भर में ये आंकड़ा 92 फीसदी है. बिहार के अलावा झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना और त्रिपुरा में भी शौचालय निर्माण की गति बाकी राज्यों की तुलना में काफी कम है.
पैसे मिलने में देरी, शौचालय में पानी की कमी और लक्ष्य प्राप्त करने के लिए जल्दबाजी में काम करने जैसी शिकायतें आती रही हैं. साथ ही, शौचालय निर्माण के बाद उसके उपयोग के लिए मानसिकता बदलना भी एक चुनौती है.
अबतक 8.36 करोड़ घरों में बने हैं शौचालय
सरकार में आने के कुछ ही महीनों बाद 2 अक्टूबर 2014 को गांधी जयंती के दिन प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी. अभियान का लक्ष्य 2 अक्टूबर 2019 यानि गांधी जी की 150वीं जयंती तक पूरे भारत को खुले में शौच से मुक्त करना है. अबतक इस अभियान के तहत 8 करोड़ से भी ज्यादा घरों में शौचालय बनाए जा चुके हैं.
2014 में जहां केवल 39 फीसदी ग्रामीण घरों के लोग शौचालय इस्तेमाल करते थे तो वहीं अब ये आंकड़ा 92 फीसदी तक पहुंच चुका है. अभियान के तहत अबतक 4.30 लाख गांव, 444 जिले और 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश खुले में शौच से मुक्त घोषित किए जा चुके हैं. परमेश्वरन अय्यर का कहना है कि 2 अक्टूबर 2019 के काफी पहले ही पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त होने का लक्ष्य प्राप्त किए जाने की संभावना है.