Swachh Survekshan 2021: मध्य प्रदेश का इंदौर एक बार फिर देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है. 2021 के स्वच्छता सर्वेक्षण ( शहरी ) के मुताबिक़ 10 लाख से ज़्यादा आबादी वाले शहरों में कोटा शहर के कोटा उत्तर नगर निगम क्षेत्र को सबसे गंदा शहर घोषित किया गया है.


लगातार पांचवें साल इंदौर अव्वल


मध्य प्रदेश के इंदौर को लगातार पांचवें साल देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव हासिल हुआ है. वहीं स्वच्छ शहरों की रैंकिंग में गुजरात के सूरत को दूसरा जबकि आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है. 2019 की रैंकिंग में सूरत को 14वां और 2020 में दूसरा स्थान मिला था. विजयवाड़ा ने चार पायदानों की छलांग लगाई है. 2019 की रैंकिंग में इस शहर को 12वां जबकि 2020 की रैंकिंग में छठा स्थान प्राप्त हुआ था. 


रायपुर ने सबसे लंबी छलांग लगाई


इस सूची में नवी मुंबई चौथे, पुणे पांचवें, रायपुर छठे, भोपाल सातवें, वड़ोदरा आठवें, विशाखापत्तनम नौवें और अहमदाबाद दसवें स्थान पर है. सबसे बड़ी छलांग छत्तीसगढ़ से रायपुर और महाराष्ट्र से पुणे ने मारी है. 2020 की रैंकिंग में रायपुर 62वें स्थान पर रहा था. पुणे को 2020 की रैंकिंग में 38वां स्थान मिला था. 


ये उन शहरों की रैंकिंग है, जिनकी आबादी 10 लाख या उससे से ज़्यादा है. ऐसे 48 शहरों की रैंकिंग जारी की गई है, जिसमें इंदौर अव्वल तो कोटा उत्तर नगर निगम का क्षेत्र सबसे नीचे यानि 48वें स्थान पर है. ताज्जुब की बात ये है कि राजस्थान के शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल कोटा उत्तर विधानसभा से ही विधायक हैं, जबकि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला कोटा लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं. 


कम आबादी वाले शहरों में नई दिल्ली अव्वल


राजधानी दिल्ली का नई दिल्ली नगरपालिका क्षेत्र 10 लाख से कम आबादी वाले इलाक़ों की सूची में सबसे स्वच्छ घोषित हुआ है. 2020 की रैंकिंग में उसे आठवां स्थान मिला था. ऐसे शहरों में छत्तीसगढ़ का अम्बिकापुर दूसरे स्थान पर जबकि आंध्र प्रदेश का तिरुपति तीसरे स्थान पर है. ऐसे शहरों में सबसे गंदे शहर होने का दाग बिहार के सासाराम पर लगा है जिसे 372वीं रैंकिंग हासिल हुई है. मेघालय की राजधानी शिलांग को 371वां और केरल के पालक्काड को 370वां स्थान मिला है. 


छत्तीसगढ़ और झारखंड सबसे स्वच्छ राज्य


स्वच्छता की रैंकिंग के लिए राज्यों को दो श्रेणियों में रखा गया है. इनमें 13 राज्य ऐसे हैं जहां 100 से ज़्यादा शहरी स्थानीय निकाय हैं जबकि बाक़ी राज्यों में 100 से कम शहरी स्थानीय निकाय हैं. 100 से ज़्यादा निकाय वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ को सबसे स्वच्छ राज्य होने का गौरव हासिल हुआ है. महाराष्ट्र को दूसरा जबकि मध्यप्रदेश को तीसरा स्थान हासिल हुआ है. इस सूची में गुजरात को चौथा, उत्तर प्रदेश को छठा और बिहार को तेरहवां स्थान मिला है. वहीं 100 से कम निकाय वाले राज्यों में झारखंड को पहला , हरियाणा को दूसरा और गोवा को तीसरा स्थान हासिल हुआ है. 


गंगा किनारे वाले शहरों में वाराणसी सबसे स्वच्छ


गंगा किनारे बसे शहरों में सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव मिला है पीएम मोदी के लोकसभा क्षेत्र के वाराणसी शहर को. इस श्रेणी में बिहार के मुंगेर और पटना को दूसरा और तीसरा स्थान जबकि उत्तरप्रदेश के कानपुर को चौथा स्थान मिला है. 


सूरत सबसे स्वच्छ ज़िला घोषित


गुजरात का सूरत ज़िला देश का सबसे स्वच्छ ज़िला बना है. उसे 100 अंकों के पैमाने पर 93.70 अंक प्राप्त हुए हैं. मध्यप्रदेश का इंदौर दूसरा जबकि राजधानी दिल्ली का नई दिल्ली ज़िला तीसरा सबसे स्वच्छ ज़िला बना है.


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