Independence Day 2022: लाल किले (Red Fort) पर स्वतंत्रता दिवस समारोह (Independence Day) के दौरान आज 21 तोपों की सलामी 07 ब्रिटिश पाउंडर-गन और एक स्वदेशी 'अटैग' गन से दी गई थी. देश आजाद होने के 75 साल बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि 21 तोपों की सलामी में कोई स्वदेशी आर्टिलरी गन भी शामिल की गई. अभी तक द्वितीय विश्वयुद्ध (Second World War) की ब्रिटिश पाउंडर-गन से 21 तोपों की सलामी दी जाती आई थी.


भारतीय सेना ने 21 तोपों की सलामी का वीडियो भी ट्वीट किया है. वीडियो में लाल किले के परिसर में एक खंदक में 07 पाउंडर गन से फायरिंग दिखाई पड़ रही है. साथ ही डीआरडीओ (DRDO) द्वारा टाटा और भारत-फोर्ज के सहयोग से तैयार की गई अटैग गन से भी फायरिंग दिखाई पड़ रही है. भारतीय सेना की 871 फील्ड रेजीमेंट के गनर्स ने इस खास मौके पर ये सलामी दी. बता दें कि पहली बार ऐसा हुआ है कि इस साल लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी को 21 तोपों की सलामी में स्वदेशी आर्टेलरी गन, 'अटैग' को भी शामिल किया गया है.


#Exclusive
One for the history books!

For the first time, indigenously developed Advanced Towed Artillery Gun System (ATAGS) fired during the ceremonial 21 Gun Salute from the premises of Red Fort today.#IndependenceDay2022 #IndiaAt75 pic.twitter.com/Iv5uDDfwoR


— A. Bharat Bhushan Babu (@SpokespersonMoD) August 15, 2022





स्वदेशी अटैग गन को किसने तैयार किया?


अटैग यानी एडवांस टोअड आर्टेलरी गन सिस्टम ( ATAGS या अटैग सिस्टम) को सरकारी रक्षा उपक्रम, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन यानी डीआरडीओ( DRDO) ने टाटा और भारत-फोर्ज कंपनियों (Bharat Forge) के साथ मिलकर तैयार किया है. 155 x 52 कैलिबर की इस एटीएजीएस तोप  की रेंज करीब 48 किलोमीटर है और जल्द ही भारतीय सेना के तोपखाने का हिस्सा बनने वाली है. वर्ष 2018 में रक्षा मंत्रालय ने थल सेना के लिए 150 अटैग गन खरीदने की मंजूरी दी थी. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक लाल किले में असली गन से फायर 'सेरेमोनियल' ही होता है . इसके लिए तोप की आवाज और गोले को 'कस्टमाइज' किया जाता है.


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