Swami Govind Dev Giri: प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले पीएम मोदी ने 11 दिन का विशेष अनुष्ठान किया था. इसको लेकर श्रीराम जन्मभूमि में तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरी ने पीएम मोदी की जमकर सराहना की. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने सोमवार (22 जनवरी) को भगवान राम के 'चरणामृत' से व्रत तोड़ा था. इसके लिए उन्होंने उनसे भगवान राम का 'चरणामृत' मांगा था.
उन्होंने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा, "हमें पीएम मोदी का उपवास तोड़ने के लिए पानी में नींबू के रस की कुछ बूंदों के साथ शहद देना था, लेकिन उन्होंने मुझसे अलग से कहा कि उन्हें भगवान श्री राम का 'चरणामृत' पिलाया जाए."
प्राण प्रतिष्ठा को लेकर दी थी सलाह
स्वामी गोविंददेव गिरी ने कहा, "पीएम मोदी ने प्रतिष्ठा से 20 दिन पहले मुझसे पूछा था कि मुझे प्रतिष्ठा के योग्य बनने के लिए किस तरह से अनुष्ठान करना होगा. हमने उनसे (पीएम मोदी) केवल अंतिम दिन पूर्ण उपवास करने को कहा था, लेकिन उन्होंने उपवास को और कठिन बनाया.
इस मंदिर की विशेषता सबसे अलग
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर कहा कि देश दुनिया में भगवान राम के लाखों मंदिर हो सकते हैं, लेकिन जो विशेषता जन्मस्थान पर बने मंदिर की वह किसी और की नहीं हो सकती. इसके लिए हमने 500 साल से ज्यादा इंतजार किया और 3 लाख से अधिक लोगों ने इसे लिए बलिदान दिया.
उन्होंने कहा कि इस मंदिर को भव्यता, शिल्प और आकृति के हिसाब से नहीं देखिए. यह इस मंदिर की खासियत नहीं है. यह सब तो देशभर के हर मंदिर में देखने में मिल जाती है. हमारे देश में एक से बढ़कर एक मंदिर हैं. इस मंदिर की विशेषता यह है कि यह भगवान राम का जन्मभूमि का मंदिर होना है.
'मंदिर वहीं बनाएंगे,'
उन्होंने आगे कहा कि मंदिर बनाने में कोई शासक कोई विरोध नहीं करता था. वह कहता था कि मंदिर थोड़ा हटकर बना लीजिए, लेकिन हमें मंदिर कहीं और नहीं बनाना था, क्योंकि जन्मभूमि को नहीं हटाया जा सकता है. इसलिए हम कहते थे मंदिर वहीं बनाएंगे, मंदिर भव्य बनाएंगे.