Swami Prasad Maurya: रामचरितमानस (Ramcharitmanas) की प्रतियां को जलाने के मामले में लखनऊ पुलिस ने समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) समेत 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. वहीं, अब स्वामी प्रसाद ने इस पूरे मामले पर बयान देते हुए बीजेपी पर कड़ा वार किया है. उन्होंने कहा मैंने थोड़ा से हमला क्या किया इनके पेट में दर्द हो गया.
दरअसल, रामचरितमानस को स्वामी प्रसाद मौर्या ने बकवास बताया था जिसके बाद से ये पूरा मामला गरमा गया. खबरें ये भी थीं कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव इनके बयान से नाराज हैं और जल्द कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं. वहीं, अखिलेश यादव ने सोमवार मैनपुरी में एक बयान में कहा, "हम भगवान राम और रामचरितमानस के खिलाफ नहीं है." स्वामी प्रसाद ने इस पर तंज कसते हुए कहा, सपा अध्यक्ष की नाराजगी की फर्जी बात को अनावश्यक रूप से तिल का ताड़ बनाने की कोशिश की गई. राष्ट्रीय अध्यक्ष का बयान आया और दूध का दूध और पानी का पानी हो गया.
बीजेपी हिंदू-मुसलमान की राजनीति करती है- स्वामी प्रसाद मौर्या
स्वामी प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा, बीजेपी हमेशा से हिंदू-मुसलमान की राजनीति करती रही हैं और आज जब मैंने थोड़ा सा हमला किया तो इनके पेट में दर्द हो गया. स्वामी प्रसाद से जब प्रतियां जलाने पर सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, कानून को अपने हाथ में कभी नहीं लेना चाहिए लेकिन जिस तरह से सरकार उदासीन है, जिस तरह जीभ, नाक करने वालों के साथ खड़ी हो गई है उससे यह नौबत तो आनी ही थी.
21 लाख की सुपारी...
वहीं, स्वामी प्रसाद के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान को लेकर हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास (Mahant Raju Das) ने उनका सिर तन से जुदा करने वाले को 21 लाख रुपये के इनाम देने की घोषणा की है. इस पर स्वामी प्रसाद ने कहा, अगर राजू दास असल में संत होते तो उनका श्राप ही मुझे खत्म करने के लिए काफी होता. 21 लाख की सुपारी देने की जरूरत नहीं पड़ती.
मायावती पर स्वामी प्रसाद मौर्या ने किया इस तरह पलटवार
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भी स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ आवाज उठायी थी. उन्होंने अखिलेश यादव को आड़े लेते हुए कहा था, सपा अध्यक्ष की इस मामले पर चुप्पी कई सवाल उठा रही है. उन्होंने कहा, बीजेपी की प्रतिक्रियाओं के बावजूद अखिलेश की चुप्पी साफ बयां कर रही है कि दोनों पार्टियां की इस पूरे मामले में मिलीभगत है. इस पर स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा, मायावती की राजनीति कहां से चलती है ये जानता जान चुकी है.
बैन कर दी जाए
बता दें, स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामचरितमानस को लेकर ये भी कहा था कि इसके अंश को हटा दिया जाए. तुलसीदास ने इस अपनी खुशी के लिए लिखा है. इस किताब को बैन कर दिया जाए.
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