नई दिल्ली: जानलेवा कोरोना वायरस पूरी दुनिया में अपना कहर बरपा रहा है. भारत में भी इस वायरस की वजह से काफी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. इस बीच आपके चैनल एबीपी न्यूज़ ने 'e-शिखर सम्मेलन' आयोजित किया है. इस शिखर सम्मेलन में दिग्गज और विशेषज्ञ इसके रोकथाम और लॉकडाउन के संबंध में जानकारी देंगे. इसी कड़ी में योग गुरु रामदेव ने सवालों के जवाब दिए.


बाबा रामदेव ने कहा कि सबसे पहले योगी जी (योगी आदित्यनाथ) ने कहा कि दुनिया का चीन से मोह भंग हो रहा है, यह सच है. यह बात साबित हो चुकी है कि कोरोना का वायरस मैन मेड है. इसलिए दुनियाभर की कंपनियां अब भारत की ओर देख रही हैं. हमें इस संकट काल को अवसर के तौर पर कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं, इसकी तैयारी करनी चाहिए. हमें स्किल लेबर को तैयार करना चाहिए. प्रवासी मजदूरों की समस्या पर रामदेव ने कहा कि जिन मजदूरों को अभी जहां-जहां रोजगार मिला है उनको वहां रहने दिया जाए. उनको अभी वापस ना बुलाया जाए. राज्य सरकारें इसे लेकर जानकारी इकट्ठा करें.


रामदेव ने कहा मेरे पास भी पतंजलि के कई प्लांट से फोन आ चुका है कि मजदूर घर जाना चाहते हैं. इसीलिए मैं कहना चाहता हूं कि यह एक गंभीर संकट निकल कर सामने आ जाए. मैंने अभी किसी को भी पतंजलि से नहीं निकाला है. मेरा कहना है कि जो भी जिस राज्य में अगर काम कर रहा है तो उसे वहीं रहना चाहिए.


तब्लीगी जमात पर बाबा रामदेव ने कहा कि कुछ लोगों ने गलती की है लेकिन उसके लिए किसी एक धर्म को बदनाम करना ठीक नहीं है. ऐसा कहना कि इस्लाम अच्छा नहीं, पूरे मुसलमान अच्छे नहीं यह कहना सही नहीं है. तब्लीगी जमात पूरे देश के मुसलमानों का नेतृत्व नहीं करती है. तब्लीगी जमात की यह सोच कि पूरी दुनिया को इस्लामिक बनाना है यह गलत है. यह एक तरह का बौद्धिक और धार्मिक आतंकवाद है. मैं कभी नहीं कहता कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है.


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