Yati Narsinghanand: स्वामी यति नरसिंहानंद ने धर्मनगरी हरिद्वार में धर्म संसद के आयोजन के लिए प्रशासन से अनुमति न मिलने के बाद अब प्रयागराज कुंभ में धर्म संसद आयोजित करने की योजना बनाई है. उनके इस ऐलान का स्वागत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने भी किया. जिन्होंने सनातन धर्म के लिए इस संघर्ष में साथ देने की बात कही है.


बता दें कि 19 से 21 दिसंबर तक हरिद्वार के जूना अखाड़े में आयोजित धर्म संसद के लिए प्रशासनिक अनुमति नहीं मिलने पर स्वामी यति नरसिंहानंद ने पुलिस और प्रशासन पर कड़ी आपत्ति जताई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उन्हें धमकाया और धर्म संसद को आयोजित करने में बाधा डाली. इसके बाद स्वामी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की थी.


स्वामी ने खून से लिखा मुख्यमंत्री को पत्र


धर्म संसद के आयोजन में प्रशासन की ओर से रोड़े अटकाए जाने के बाद स्वामी यति नरसिंहानंद ने 21 दिसंबर को बगलामुखी यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खून से पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने हरिद्वार पुलिस प्रशासन के रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.


स्वामी यति नरसिंहानंद ने पीएम मोदी से की अपील


धर्म संसद के आयोजन के लिए हरिद्वार में प्रशासनिक अनुमति नहीं मिलने के बाद स्वामी यति नरसिंहानंद ने अब प्रयागराज कुंभ में धर्म संसद आयोजित करने का ऐलान किया. उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के उत्पीड़न को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की भी अपील की.


पुलिस प्रशासन ने की धर्म संसद की अनुमति में रुकावट


स्वामी यति नरसिंहानंद ने ये भी स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद की अनुमति में कोई हस्तक्षेप नहीं किया बल्कि ये अनुमति पुलिस प्रशासन ने नहीं दी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कोई गलती नहीं की है और इस कारण से पदयात्रा का औचित्य नहीं बनता.


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