Swati Maliwal Oath: आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बुधवार (31 जनवरी) को राज्यसभा के सांसद पद की शपथ लीं, लेकिन उन्हें ऐसा दो बार करना पड़ा.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक स्वाति मालीवाल को दो बार शपथ इसलिए लेनी पड़ी, क्योंकि पहली बार उनके शपथ लेने पर सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विचार नहीं किया. दोबारा उनका नाम पुकारा. उन्होंने कुछ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया था जो शपथ का हिस्सा नहीं थे.
दरअसल, राज्यसभा में बुधवार को तीन नये सदस्यों - सतनाम सिंह संधू, नारायण दास गुप्ता और स्वाति मालीवाल को शपथ दिलाई गई. शपथ ग्रहण के बाद उच्च सदन के सभापति जगदीप धनखड़ ने नए सदस्यों का स्वागत किया.
स्वाति मालीवाल चुनी गईं निर्विरोध
सतनाम सिंह संधू जहां मनोनीत सदस्य हैं, वहीं नारायण दास गुप्ता और स्वाति मालीवाल दिल्ली से निर्विरोध चुने गए. गुप्ता को आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्यसभा सदस्य के रूप में फिर से नामित किया है, जबकि मालीवाल को पार्टी ने सुशील गुप्ता के स्थान पर नामित किया है. चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के संस्थापक-कुलाधिपति संधू को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया.
स्वाति मालीवाल ने क्या कहा?
सांसद पद की शपथ से पहले मालीवाल ने कहा था कि औपचारिक रूप से जिस क्षण वह औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण करेंगी, वह उनके जीवन का बेहतरीन और महत्वपूर्ण अवसर होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बेहद उत्साहित हूं. पहली बार सांसद होने के नाते मुझ पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. मुझे लगता है कि मैं हमेशा एक कार्यकर्ता रही हूं और आगे भी रहूंगी. मैं जमीनी स्तर के मुद्दे उठाऊंगी और मैं इसका इंतजार कर रही हूं. ’’
इनपुट भाषा से भी.