यवतमाल: सुनने में यह किसी फिल्म की कहानी के जैसा लग सकता है, लेकिन महाराष्ट्र के यवतमाल में स्वीडन की रहने वाली एक लड़की ने 40 साल बाद अपनी मां को ढूंढ निकाला. मुश्किल हालात की वजह से यह बेटी 40 साल पहले अपनी मां से बिछड़ गई थी, लेकिन अब मिलीं, लेकिन तब जबकि एक लंबा अर्सा गुजर चुका था.
नीलाक्षी एलिज़ाबेथ की उम्र जब दो साल थी तब उसके पिता ने आत्महत्या कर ली. इसके बाद नीलाक्षी को उसकी मां पुणे की एक संस्था के पास छोड़ आई. इस संस्था से नीलाक्षी को स्वीडन के एक दंपत्ति ने गोद ले लिया, जिसके बाद नीलाक्षी का पालन-पोषण स्वीडन में ही हुआ.
इसके बाद नीलाक्षी की मां ने दूसरी शादी कर ली. दूसरी शादी से 2 लड़के और 1 लड़का हुआ. शादी के कुछ सालों बाद ही इनके दूसरे पति का भी निधन हो गया जिसके बाद नीलाक्षी की मां को घर का गुजारा करने के लिए मजदूरी करनी पड़ी.
अब जब नीलाक्षी अपनी मां से मिली हैं तो उनकी बुजुर्ग मां मौत से लड़ रही हैं. अब बेटी नीलाक्षी अपनी मां को मौत के मुंह से निकालने के लिए उनका इलाज करवा रही हैं.
आपको बता दें कि नीलाक्षी की मुलाकात अंजलि पवार की वजह से मुमकिन हो पाई है. नीलाक्षी अपनी मां की खोज में इससे पहले 6 बार भारत आई थी लेकिन 7 वीं बार उनकी मुलाकात हो पाई, जब नीलाक्षी अपनी मां से मिली तो वह थैलेसीमिया से जूझ रही हैं.
अंजलि पवार ने बताया कि जब यह बेटी अपनी मां से मिली तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं. एलिजाबेथ अपनी मां से मिलने के बाद बेहद खुश हैं, अब अपनी मां की भाषा तो समझ नहीं आती है लेकिन उन्हें देखकर खुश देखना चाहती हैं.