नई दिल्ली: जैसे जैसे लोकसभा चुनाव पास आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे राम मंदिर का मामला भी दिन पर दिन गर्म होता जा रहा है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे कुंभ की धर्म संसद में विश्व हिंदू परिषद ने हुंकार भरी है. वीएचपी ने साफ कह दिया है कि जो राम मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़े थे वही लोग अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराएंगे. वहीं धर्म संसद को लेकर जामा मस्जिद के इमाम ने पूछा है कि अब देश संसद से चलेगा या धर्म संसद से?


वीएचपी ने मोदी सरकार के कदम को सही ठहराया


हाल ही में मोदी सरकार की ओर से राम मंदिर को निर्माण को लेकर दी गई अर्जी पर वीएचपी प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा है कि राम मंदिर पर केंद्र सरकार ने देर से कदम उठाया है. हालांकि उन्होंने कहा कि अब अगर ये क़दम उठाया है तो अच्छा है. हम मंदिर निर्माण का प्रथम क़दम आगे बढ़ा सकते हैं. उन्होने यह भी कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस ज़मीन का अधिग्रहण किया था, जिसमें रामकथा कुंज बनाया जाना था.


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जामा मस्जिद के इमाम ने क्या कहा है?


वहीं, राम मंदिर मामले को लेकर जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी ने सवाल उठाए हैं. अहमद बुखारी ने कहा है कि ये देश चुनी हुई संसद से चलेगा या धर्म संसद से. इस दौरान बुखारी ने मोदी सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले में सरकार के सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देने से संविधान की आत्मा को ठेस पहुंची है. सरकार को मज़हबी मामले में दखल देने से बचना चाहिए. इससे दुनिया भर में धर्मनिरपेक्ष देश भारत की छवि खराब हुई है.


धर्म संसद में कल शामिल हो सकते हैं योगी आदित्यनाथ


बता दें कि कल विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद में दोपहर एक बजे से राम मंदिर पर चर्चा होगी. बताया जा रहा है कि इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे. गौरतलब है कि प्रयागराज कुंभ में आज विश्व हिंदू परिषद ने धर्म संसद का आयोजन किया है.


धर्म संसद में कौन-कौन शामिल हुए?


धर्म संसद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए थे. इनके अलावा जगद्गुरू रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य जी महाराज, जगद्गुरू रामानुजाचार्य हंसदेवाचार्य जी महाराज, निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव, स्वामी जितेंद्रनाथ, सतपाल महाराज, स्वामी वियोगानंद जी महाराज, नृत्यगोपालदास जी महाराज सहित 200 से अधिक संत भी धर्म संसद में शामिल हुए.


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