Rabe Hasani Nadvi: जानिए कौन थे मौलाना राबे हसनी नदवी, 93 साल की उम्र में दुनिया से हुए रुखसत
Syed Mohammad Rabe Hasani Nadvi Death: मौलाना राबे हसनी नदवी ने 93 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली है. नदवी 2002 में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष चुने गए थे.
Syed Mohammad Rabe Hasani Nadvi Profile: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अध्यक्ष हजरत मौलाना राबे हसनी नदवी का गुरुवार (13 अप्रैल) को देहांत हो गया. उन्होंने 93 वर्ष की उम्र में यूपी के लखनऊ (Lucknow) के डालीगंज में स्थित नदवा मदरसे में आखिरी सांस ली. राबे हसनी नदवी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. जानिए मौलाना राबे हसनी नदवी के बारे में...
मौलाना राबे हसनी नदवी रायबरेली की एक दीनदार घराने के चश्म-व-चिराग रहे हैं. उनका जन्म 1 अक्टूबर 1929 को हुआ था. उनका घराना एक इल्मी घराना तसुव्वर किया जाता है. उनके मामू- मौलाना अली मियां नदवी- दुनिया के एक बहुत बड़े इस्लाम के स्कॉलर थे. सऊदी अरब ने उन्हें सबसे बड़े इस्लामी अवॉर्ड से नवाजा था. वे लखनऊ स्थित धार्मिक शिक्षा के एक महत्वपूर्ण केंद्र- नदवतुल उलेमा के अध्यक्ष भी थे.
कौन थे मोहम्मद राबे हसनी नदवी?
मोहम्मद राबे हसनी नदवी सुन्नी इस्लामिक विद्वान थे. नदवी ने रायबरेली में अपने परिवार मकतब से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की और उच्च अध्ययन के लिए दारुल उलूम नदवतुल उलमा में शामिल हो गए. वह मुस्लिम वर्ल्ड लीग के संस्थापक सदस्य आलमी रबिता अदब-ए-इस्लामी, रियाद (केएसए) के उपाध्यक्ष थे. उन्हें दुनिया के 500 सबसे प्रभावशाली मुसलमानों की लिस्ट में नियमित रूप से शामिल किया जाता रहा.
2002 में बने थे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष
नदवी 1952 में नदवतुल उलमा, लखनऊ में सहायक प्रोफेसर, 1955 में इसके अरबी विभाग के प्रमुख और 1970 में अरबी संकाय के डीन बने थे. अरबी भाषा और साहित्य में उनके योगदान के लिए उन्हें भारतीय परिषद उत्तर प्रदेश से एक पुरस्कार और एक राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था. उन्हें 2002 में मुजाहिदुल इस्लाम कासमी के निधन के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया था. उन्होंने अरबी में 15 और उर्दू में 12 पुस्तकें प्रकाशित की हैं. वह विभिन्न संगठनों में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे थे.
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