नई दिल्ली: कोरोनावायरस के लक्षण ‘सिवियर एक्यूट रेसपिटेटरी सिंड्रोम’ (सार्स) जैसे ही प्रतीत होते हैं और यह शहरों और इंसानों से इंसानों के बीच फैल सकते हैं. लांसेट मैगजीन में छपे दो अध्ययनों में ऐसा कहा गया है. रिसर्चर्स ने कहा है कि ये शुरूआती अध्ययन हैं लेकिन महत्वपूर्ण तथ्य हैं. इस अध्ययन में कुछ ही मरीजों को शामिल किया गया.


सावधानीपूर्वक निगरानी, संपर्क का पता लगाकर और जानवरों और इंसानों के बीच संचार के माध्यमों की गहन जांच के जरिए 2019 नोवेल कोरोनावायरस को रोके जाने की जरूरत है.


शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस साल 24 जनवरी तक प्रयोगशाला में कोरोनावायरस के 835 मामलों की पुष्टि होने की खबर है. इसमें 25 मामले में पीड़ित की जान चली गयी.


वैज्ञानिकों के मुताबिक, अधिकतर मामले चीन में वुहान के हुनान सीफूड मार्केट से जुड़े हैं, जहां मांस आदि की बिक्री होती है. हालांकि संक्रमण के मूल स्रोत का अभी पता नहीं चला है.


वुहान और आसपास के इलाके में रहते हैं 700 भारतीय छात्र


भारतीयों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए भारतीय दूतावास ने जो हेल्पलाइन नम्बर जारी किए हैं, वह हैं +8618612083629 और +8618612083617. भारतीय दूतावास ने कहा कि चीनी अधिकारियों ने प्रांत में रह रहे भारतीयों को खाद्य आपूर्ति सहित सभी सहयोग का आश्वासन दिया है. भारत के लिहाज से चिंता की वजह इसलिए है, क्योंकि करीब 700 भारतीय छात्र वुहान और आसपास के इलाके में रहते हैं. इन छात्रों में ज्यादातर चीनी विश्वविद्यालयों में चिकित्सा की पढ़ाई करते हैं.


अबतक 835 मामलों की हुई पुष्टि


चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि इस वायरस के कारण 41 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 24 की मौत मध्य चीन के हुबेई प्रांत में और एक की मौत उत्तरी चीन के हेबेई में हुई है. अबतक कोरोना वायरस के कारण निमोनिया से पीड़ित होने के 835 मामलों की पुष्टि हुई है. आयोग ने बताया कि देश के 20 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों में कुल 1072 संदिग्ध मामले सामने आए हैं.


बता दें कि चीन ने कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाते हुए बृहस्पतिवार को वुहान सहित पांच शहरों को सील कर दिया था. चीनी नववर्ष के पहले सड़कों पर भीड़भाड़ बढ़ने के मद्देनजर गाड़ियों, ट्रेनों और विमानों समेत आवागमन के विभिन्न माध्यमों को रोक दिया गया है. इन शहरों में तकरीबन दो करोड़ लोग रहते हैं.


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