नई दिल्ली: निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मुख्यालय से तलाशी के दौरान पुलिस को कोई कंप्यूटर या लैपटॉप नहीं मिला है जबकि प्रिंटर बरामद हुए हैं. ऐसे में पुलिस को शक है यह लैपटॉप या कंप्यूटर जानबूझकर गायब किए गए हैं. पुलिस को यह भी शक है कि इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां रही होंगी. वहीं मरकज की इमारत के एक हिस्से की तलाशी का काम अभी भी बाकी है.


पुलिस सूत्रों के मुताबिक अपराध शाखा की टीम ने जब निजामुद्दीन मरकज स्थित मुख्यालय की तलाशी ली तो उन्हें तब्लीगी जमात के कार्यालय से कुछ प्रिंटर बरामद हुए लेकिन कोई भी कंप्यूटर या लैपटॉप अथवा हार्ड डिस्क आदि बरामद नहीं हुई.


पुलिस के एक आला अधिकारी ने कहा कि प्रिंटर मिलना इस बात की तरफ इशारा करता है कि यहां पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जरिए काम होता रहा होगा क्योंकि यहां पर इतनी तादाद में लोग आते जाते थे और मुख्यालय में लेन-देन का हिसाब भी रहता रहा होगा लेकिन तलाशी के दौरान ऐसा कोई कंप्यूटर या लैपटॉप बरामद नहीं हुआ है जिससे पता चल सके की इस जमात को कहां-कहां से फंडिंग होती थी. साथ ही उसके पदाधिकारियों या देश भर में फैले लोगों की कोई कंप्यूटराइज लिस्ट भी नहीं मिली है.


पुलिस को तलाशी के दौरान केवल रजिस्टर मिले हैं. जिनमें उर्दू भाषा में लिखा गया है. पुलिस को शक है की जब जमाती बाहर जा रहे थे तो उनके सामान आदि की भी तलाशी नहीं ली गई थी क्योंकि इन सभी के कोरोना संक्रमित होने का अंदेशा था. लिहाजा इसकी आड़ में यह लोग यहां से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निकाल कर ले गए पुलिस को अब इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की तलाश है क्योंकि अंदेशा जताया जा रहा है कि इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में अनेक महत्वपूर्ण डाटा हो सकते है.


पुलिस ने मरकज के बारे में जानकारी के लिए तब्लीगी  जमात के पदाधिकारियों को नोटिस भी जारी किए हैं लेकिन अभी तक जमात के प्रमुख मौलाना साद समेत किसी भी पदाधिकारी ने पूछताछ में सहयोग नहीं किया है पुलिस के एक आला अधिकारी ने बताया कि यही कारण है कि जमात की तलाशी के दौरान जमात के दो लोगों को गवाह के तौर पर बुला लिया गया था जिससे बाद में यह आरोप ना लग सकें की पुलिस को सारी चीजें बरामद हो गई थी.


पुलिस के एक आला अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान यदि यह पाया गया कि महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब किए गए हैं या सबूतों से छेड़छाड़ की गई है तो इन लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 201 यानी साक्ष्य नष्ट करने की धारा भी मुकदमे में जोड़ी जा सकती है. फिलहाल पुलिस अब एक बार नए सिरे से इन सभी को नोटिस देने की तैयारी कर रही है जिससे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का पता चल सके और मामले की जांच आगे बढ़ सके.


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