नई दिल्ली: कोरोना वायरस से लड़ रहे देश के लिए सबसे बड़ी चिंता तब्लीगी जमात में शामिल के मरकज़ में शामल लोग हो गए हैं. लगातार तब्लीगी जमात के लोगों के कोरोना पॉजिटिव निकलने से देश में कोरोना का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. अब तक देश में कुल 3000 से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं उसमें 647 ऐसे लोग हैं जो तब्लीगी जमात के मरकज़ में शामिल हुए थे.


गाजियाबाद में नर्सों से जमात के लोगों की अभद्रता के बाद योगी सरकार सख्त


तब्लीगी जमात के कुछ लोगों द्वारा नर्सों से अभद्रता को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त नज़र आ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि ये लोग मानवता के दुश्मन हैं और इनके खिलाफ रासुका लगाया जाएगा. योगी आदित्यनाथ ने कहा,'' ये लोग ना क़ानून को मानेंगे, ना व्यवस्था को मानेंगे, ये मानवता के दुश्मन हैं. जो इन्होंने महिला स्वास्थ्यकर्मियों के साथ किया है, वह जघन्य अपराध है. इन पर रासुका (एनएसए) लगाया जा रहा है. हम इन्हें छोड़ेंगे नहीं.''


दरअसल गाजियाबाद के एक अस्पताल में तबलीगी जमात के लोगों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. लेकिन उनकी हरकतें सामान्य नहीं बताई गई. जमाती मरीजों पर आरोप है कि वह स्टाफ नर्स के सामने अश्लील गाने सुनते और गंदे-गंदे इशारे करते रहे. इतना ही नहीं डॉक्टरों और नर्सों से वो लोग बीड़ी और सिगरेट की मांग भी कर रहे हैं. हालांकि अब उनकी देखभाल सिर्फ पुरुषकर्मचारी करेंगे और उन्हें नीजि अस्पताल में शिफ्ट भी कर दिया गया है.


960 विदेसियों का वीजा रद्द


दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तब्लीगी जमात का मामला सामने आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़े कदम उठाए और इसके तहत वीजा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 960 विदेशियों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है. साथ ही उनका भारतीय वीजा भी रद्द कर दिया गया है इन लोगों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए हैं.


तब्लीग के प्रमुख मौलाना साद गायब


देश में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है और जब से निजामुद्दीन मरकज का मामला सामने आया है उसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. इस बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर निजामुद्दीन मरकज का प्रमुख मौलाना साद कहां गायब हैं. इस बात की जानकारी दिल्ली पुलिस को भी नहीं है. निजामुद्दीन थाने के SHO मुकेश वालिया की शिकायत के आधार पर तब्लीगी जमात और मरकज से जुड़े छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है. इसमें जमात के प्रमुख मौलाना साद का नाम भी शामिल है. पुलिस सूत्रों की मानें तो 28 मार्च के बाद से निजामुद्दीन इलाके में मौलाना साद को नहीं देखा गया है. उसके दो घर हैं एक निजामुद्दीन में मरकज के पास और दूसरा दिल्ली के जाकिर नगर में लेकिन मौलाना साद कहा पर है ये कोई नहीं जानता.


क्या है मामला


दरअसल बीते रविवार देर रात दिल्ली पुलिस को खबर मिली कि निजामुद्दीन इलाके में कई लोगों में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए हैं. दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारी मेडिकल टीम लेकर यहां पहुंचे और इलाके को बंद करने के बाद टेस्ट के लिए लोगों को ले गए. सैंकड़ों लोगों के टेस्ट हुए. इनमें कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इस वक्त पूरा इलाका सील कर दिया गया है. इसमें तबलीग़-ए-जमात का मुख्य केंद्र, इस केंद्र के सटे हुए निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन और बगल में ही ख्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह है.


दरअसल 3000 से अधिक प्रतिनिधियों ने एक से 15 मार्च तक तबलीगी जमात में भाग लिया था.स्थानीय लोगों ने कहा कि इस अवधि के बाद भी बड़ी संख्या में लोग जमात के मरकज में ठहरे रहे. इस वक्त देश में कोरोना वायरस के मद्देनज़र लॉकडाउन लगा है और किसी भी तरह की धार्मिक कार्यक्रमों की इजाजत नहीं है.


तब्लीगी जमात की सफाई


इस गंभीर संकट में जहां पुलिस कह रही है कि इस तरह के धार्मिक आयोजन की इजाजत नहीं थी तो वहीं तब्लीगी जमात सफाई दे रहा है. लगातार उठ रहे सवालों के बीच मरकज़ ने अपने बचाव में दलील दी है. निज़ामुद्दीन तबलीगी जमात मरक़ज़ में लोगों को ट्रेनों या फिर दूसरी जगह से बाहर जाना था लेकिन बंद के चलते वह जा नहीं पाए. हालांकि इस बात को लेकर दिल्ली पुलिस ने मरकज़ को नोटिस भी दिया थाऔर मरक़ज़ का कहना है कि वो भी दिल्ली पुलिस के राब्ते में थे.