पांच साल में ताज महल ने तोड़े कमाई के सारे रिकॉर्ड, देखने वालों की संख्या में भी भारी इजाफा
मुमताज बेगम की याद में प्रेम की निशानी का जलवा बरकरार है. ताज महल जहां प्रेम का प्रतीक है तो वहीं ये हर साल कमाई के नये आंकड़े पेश कर रहा है. हर साल ताज का दीदार करनेवालों की संख्या में भी ईजाफा देखने को मिल रहा है. लोकसभा में पेश आंकड़ों से इस बाबत पता चला है.
आगरा: ताज महल से कमाई पिछले पांच सालों में करीब चार गुणा बढ़ गई है. ये जानकारी केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की तरफ से लोकसभा में दी गई. लोकसभा में असम से सांसद बदरुद्दीन अजमल ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल से इस बाबत सवाल पूछा था. जिसके जवाब में मंत्री ने लोकसभा को 18 नवंबर को बताया कि यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट से 2018-19 में 86 करोड़ 48 लाख से ज्यादा की कमाई हुई.
मंत्री ने कहा कि इस दौरान ताज महल का दीदार 70 लाख 90 हजार से ज्यादा लोगों ने किया. 2017-2018 में 65 लाख से ज्यादा दर्शकों से 58 करोड़ 76 लाख से ज्यादा की कमाई ही. पिछले वित्त वर्ष 2016-1017 में 55 करोड़ से ज्यादा की आय हुई. जबकि दर्शकों की संख्या 61 लाख से ज्यादा रही. 2015-2016 में 50 लाख 70 हजार दर्शकों से 17 करोड़ 92 लाख से ज्यादा ताज महल को आमदनी हुई जबकि 2014-2015 में 60 लाख लोगों ने ताज महल का दीदार किया जिनसे 21 करोड़ 23 लाख से ज्यादा रुपये खजाने में आये.
17वीं सदी के किले की देखरेख में 2018-19 में 5 करोड़ 48 रुपये खर्च हुआ. 2017-18 में 3 करोड़ 38 लाख रुपये खर्च किये गये. 2016-17 में जहां 4 करोड़ 50 लाख, 2015-16 में 3 करोड़ 28 लाख रुपये खर्च किये गये तो वहीं 2014-15 में 3 करोड़ 90 लाख देखरेख मद में जारी किये गये.
सांसद बदरुद्दीन अजमल ने ये भी जानना चाहा कि क्या प्रदूषण के कारण सफेद संगमरमर की दीवार को नुकसान पहुंच रहा है. और अगर नुकसान पहुंच रहा है तो बचाव के लिए हुकूमत क्या कर रही है. इसके जवाब में मंत्री ने माना कि प्रदूषण का प्रभाव है मगर ताज महल की अलग अलग तरीके से साफ- सफाई की जाती रही है. इस दौरान पुरातात्विक नियम कायदे को ध्यान में रख वर्तमान स्थिति को बनाए रखने की कोशिश की जाती है.
हाल ही में इमारत के पीले पड़ने को लेकर चिंता जताई गई है. ताज महल के आसपास माहौल को स्वच्छ रखने में लापरवाही बरतने पर सुप्रीम कोर्ट केंद्र और राज्य सरकार की खिंचाई भी कर चुका है.