नई दिल्लीः मध्य प्रदेश में सीएम पद की रेस में कमलनाथ का नाम सबसे आगे चल रहा है. सूत्रों के मुताबिक भी खबर आ चुकी है कि कमलनाथ के नाम पर ही राहुल गांधी ने मुहर लगाई है. हालांकि अभी कमलनाथ को मध्य प्रदेश का सीएम बनाए जाने का आधिकारिक एलान नहीं हुआ है लेकिन उससे पहले ही उनके खिलाफ विरोध के सुर भी उठने लगे हैं. बीजेपी के दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तेजिंदर पाल बग्गा ने कमलनाथ के विरोध में बड़ी बात कही है.





तेजिंदर पाल बग्गा ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि अगर राहुल गांधी सिखों के कातिल, गुरुद्वारा रकाबगंज को जलाने वाले कमलनाथ को सीएम घोषित करते है तो मैं आमरण अनशन पर बैठूंगा. ये लड़ाई मेरे सिख बहनों की है जिनकी इज्जत लूटने, माताओं की जिनके बेटों को जिंदा जलाने का काम कांग्रेस ने किया और जिसके लिए मुझे जान भी देनी पड़ी तो मैं देने को तैयार हूं.


इससे पहले आज आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील एच एस फुल्का ने दावा किया कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस नेता कमलनाथ की संलिप्तता के ठोस साक्ष्य हैं और उनका न्याय होना अब भी बाकी है. फुल्का ने कहा, “कमलनाथ के खिलाफ बहुत सारे साक्ष्य हैं और उनके विरुद्ध न्याय चक्र का चलना अभी बाकी है. अब यह फैसला लेना राहुल गांधी (कांग्रेस अध्यक्ष) पर है कि क्या वह उस शख्स को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं जो 1984 के सिख दंगों में शामिल रहा हो.”


1984 के सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ के खिलाफ ठोस साक्ष्य मौजूद, अभी न्याय होना बाकी- एच एस फुल्का