Taliban Ban On Women Education: अफगानिस्तान (Afghanistan) में महिलाओं की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने को लेकर पाबंदी पर हिंदुस्तान ने चिंता जताई है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान में लड़कियों के यूनिवर्सिटी जाने पर तालिबानी पाबंदी चिंता का विषय है. हम महिलाओं की शिक्षा का समर्थन करते हैं. 


विदेश मंत्रालय ने कहा, ''भारत इस बात का प्रबल समर्थक रहा है कि अफगानिस्तान में सभी के मानवाधिकारों और खासतौर पर महिलाओं के मूलभूत अधिकारों का संरक्षण हो. हिंदुस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्ताव 2593 के अनुसार कदम उठाए जाने का भी मजबूत समर्थक है.''


तालिबान सरकार ने महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता पर नकेल कसते हुए मंगलवार (20 दिसंबर) को एक नए फरमान में जारी कर कहा था कि अफगानिस्तान में प्राइवेट और सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में छात्राओं को तत्काल प्रभाव से अगली सूचना तक प्रतिबंधित कर दिया है.


'परिणाम भुगतने होंगे'


तालिबान के इस फैसले का कई देश विरोध कर चुके हैं. अमेरिका (America) ने तो यहां तक कह दिया कि तालिबान के इसके परिणाम भुगतने होंगे. यूएस के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने तालिबान के फैसले को अस्वीकार्य बताते हुए उसकी निंदा की और आगाह किया कि कट्टरपंथी इस्लामी शासन को इसके परिणाम झेलने होंगे. तालिबान ने पिछले साल अफगानिस्तान की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद नरम रुख अपनाने का वादा किया था लेकिन उसके फैसले ने इस्लामी कानून या शरिया के कड़े नियम लागू करने की उसकी मंशा एक बार फिर स्पष्ट कर दी है.


मामला क्या है? 


अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा मंत्री नेदा मोहम्मद नदीम (Higher Education Minister Neda Mohammad Nadeem) की ओर से सभी सरकारी और प्राइवेट विश्वविद्यालयों को एक लेटर जारी किया था. इस पर नदीम के हस्ताक्षर भी हैं. लेटर में कहा गया था, ‘‘ आप सभी को सूचित किया जाता है कि अगली सूचना तक महिलाओं की शिक्षा स्थगित करने के आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए.’’


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