Watch: 99 रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल रहा कुमकी हाथी कलीम हुआ रिटायर, दिया गया गॉर्ड ऑफ ऑनर
Kumki Elephant Kaleem Retires: तमिलनाडु में 60 वर्षीय कुमकी हाथी कलीम मंगलवार (7 मार्च) को सेवानिवृत्त हो गया. हाथी के रिटायर होने पर आईएएस अधिकारी सुप्रिया साहू ने भावुक पोस्ट शेयर की.
Tamil Nadu Kumki Elephant Kaleem Viral Videos: तमिलनाडु के अनामलाई टाइगर रिजर्व के कोझियामुत्थी हाथी शिविर का प्रतिष्ठित कुमकी हाथी कलीम मंगलवार (7 मार्च) को रिटायर हो गया. 'कुमकी' शब्द प्रशिक्षित एशियाई हाथियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इन हाथियों का इस्तेमाल कई तरह के वन अभियानों और बचाव कार्यों में किया जाता है.
कलीम की उम्र 60 वर्ष है. कलीम अपनी सेवा के दौरान 99 बचाव अभियानों में शामिल रहा. यह जानकारी तमिलनाडु कैडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी (IAS) सुप्रिया साहू ने भावुक पोस्ट ट्वीट कर दी. राज्य के पर्यावरण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुप्रिया साहू ने कलीम के रिटायरमेंट के अवसर पर उसे दिए गए गार्ड ऑफ ऑनर का वीडियो भी शेयर किया, जिसे खूब देखा जा रहा है.
IAS अधिकारी ने किया भावुक ट्वीट
आईएएस अधिकारी सुप्रिया साहू ने ट्वीट में लिखा, ''हमारी आंखें नम हैं और हृदय कृतज्ञता से भरे हैं क्योंकि तमिलनाडु के कोझियामुत्थी हाथी शिविर का प्रतिष्ठित कुमकी हाथी आज 60 वर्ष की आयु में रिटायर हुआ. 99 बचाव अभियानों में शामिल रहा वह एक लीजेंड है. तमिलनाडु वन विभाग की ओर से उसे गॉर्ड ऑफ ऑनर प्राप्त हुआ.''
कलीम को दी गई सलामी वाला वीडियो
Our eyes are wet and hearts are full with gratitude as Kaleem the iconic Kumki elephant of the Kozhiamuttthi elephant camp in Tamil Nadu retired today at the age of 60. Involved in 99 rescue operations he is a legend. He received a guard of honour from #TNForest #Kaleem pic.twitter.com/bA1lUOQmTw
— Supriya Sahu IAS (@supriyasahuias) March 7, 2023
एक और ट्वीट में आईएएस अधिकारी ने हाथी के महावत के बारे में लिखा. उन्होंने लिखा, ''महावत मनी के लिए कलीम बड़े भाई जैसा है. रिटायरमेंट सेरेमनी की गवाह बनना मेरे लिए सम्मान की बात थी, मैं हमेशा कलीम को याद और संजोए रखूंगी.'' इसी के साथ आईएएस अधिकारी साहू ने महावत मनी और कुमकी हाथी कलीम के साथ वाली अपनी तस्वीर भी साझा की.
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में भी कलीम दी सेवाएं
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कलीम को 1972 में करीब सात साल की उम्र में सत्यमंगलम के जंगलों से पकड़ा गया था और उसके बाद उसे कुमकी हाथी के रूप में प्रशिक्षण दिया गया था. कलीम ने अपने सेवाकाल में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में भी उन उग्र जंगली हाथियों से निपटने में वन विभागों की मदद की जो लोगों के लिए खतरा थे या फसलों को नष्ट कर देते थे.
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