Tamil Nadu Jobs: तमिलनाडु में अब सरकारी नौकरियों में उसे ही मौका मिलेगा जो तमिल भाषा जानता हो. शुक्रवार को तमिल को अनिवार्य करने वाले एक बिल को तमिलनाडु विधानसभा से मंजूरी मिली है. इसके मुताबिक राज्य सरकार की नौकरियों के लिए होने वाली परीक्षा में तमिल भाषा का पेपर पास करने को अनिवार्य होगा. 


एम के स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार ने तमिलनाडु सरकारी सेवक अधिनियम 2016 में संशोधन के लिए नया विधेयक पेश किया था. संशोधन के अनुसार भले ही किसी उम्मीदवार ने नौकरी हासिल कर ली हो, उसे भी नौकरी मिलने के 2 साल के अंदर तमिल पेपर पास करना होगा. 


तमिल जानना जरूरी


तमिलनाडु सरकारी सेवा (सेवा की शर्तें) अधिनियम, 2016 की धारा 21 के अनुसार कोई भी व्यक्ति सीधी भर्ती द्वारा किसी भी सेवा में नियुक्ति के लिए तब तक पात्र नहीं होगा जब तक कि उसके पास राज्य की आधिकारिक भाषा, यानी तमिल का पर्याप्त ज्ञान नहीं होगा. 


तमिलनाडु की सत्ता पर काबिज वर्तमान की डीएमके सरकार को तमिल बनाम हिंदी को लेकर केंद्र से टकराव का इतिहास रहा है. बीते साल ही, तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से तमिल को केंद्र सरकार के कार्यालयों में आधिकारिक भाषा बनाने का अनुरोध किया था.


तमिल पर केंद्र बनाम राज्य


केंद्रीय गृह मंत्री ने चेन्नई में एक कार्यक्रम में कहा था "तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है. तमिल भाषा को संरक्षित और बढ़ावा देना हमारी जिम्मेदारी है."


इसका जवाब देते हुए, मंत्री पोनमुडी ने कहा कि इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम को तमिल में पढ़ाने की पहल 12 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री करुणानिधि द्वारा शुरू की गई थी और मेडिकल पाठ्यपुस्तकों का तमिल में अनुवाद करने की प्रक्रिया चल रही है.


पोनमुडी ने तमिल में रुचि लेने के लिए गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देते हुए केंद्र से आग्रह किया कि वह तमिल के विकास के लिए भी संस्कृत भाषा के विकास पर खर्च किए गए धन के बराबर या फिर अधिक धनराशि आवंटित करे.


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