क्या भारतीय राजनीति में फिर खिंचेगी नॉर्थ-साउथ की दीवार, तमिलनाडु में 'वन नेशन वन इलेक्शन' के खिलाफ प्रस्ताव पारित
One Nation One Election: दक्षिण भारत के राज्यों की ओर से 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' और 2026 की परिसीमन की प्रक्रिया के खिलाफ एक बार फिर विरोध स्वर तेज हो गए हैं.
Tamil Nadu Government on One Nation One Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में देश को नॉर्थ-साउथ में विभाजित करने वाले बयान पर कड़ी चोट की थी. इस बयान के कुछ दिनों बाद ही तमिलनाडु सरकार ने बुधवार (14 फरवरी) को विधानसभा में ऐसे दो प्रस्तावों को पारित कर दिया है जोकि देश की राजनीति में उत्तर और दक्षिण भारत की अलग-अलग रेखा खींचने वाले हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु विधानसभा में 2026 के बाद शुरू होने वाली प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया और 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर उठाए गए केंद्र सरकार के कदमों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है. इस प्रस्ताव का विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने समर्थन किया है. उधर, परिसीमन के प्रस्ताव पर बीजेपी ने कहा कि वह इसमें व्यक्त की गईं डीलिमिटेशन से जुड़ी चिंताओं को बखूबी समझती है.
स्टालिन सरकार की ओर से पारित प्रस्ताव में केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है कि यह कदम 'लोकतंत्र के खिलाफ, अव्यवहारिक, भारत के संविधान में निहित नहीं है.' इसके साथ ही इसमें कहा गया है, 'भारत जैसे विशाल और विविधता वाले देश में स्थानीय निकायों, राज्य विधानसभाओं और संसद के चुनाव जन केंद्रित मुद्दों के आधार पर अलग-अलग समय पर हो रहे हैं और यह लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण के विचार के खिलाफ है.'
परिसीमन प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाने का आग्रह
विधानसभा में पेश प्रस्ताव में सरकार ने कहा कि केंद्र से जनगणना के आधार पर 2026 के बाद प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाने का आग्रह किया गया. परिसीमन को लेकर पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि 1971 की जनसंख्या (जनगणना) इस प्रक्रिया को पूरा करने का मानदंड होनी चाहिए.
केंद्र के खिलाफ आंदोलन को तमिलनाडु ने किया था समर्थन
तमिलनाडु ने दक्षिण के अन्य राज्यों के साथ तर्क देते हुए कहा है कि अधिक जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों की तुलना में जनसंख्या नियंत्रण उपायों का सफल कार्यान्वयन करने वाले राज्यों को सजा नहीं देनी चाहिए. एलडीएफ के नेतृत्व वाली केरल और कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकारों ने हाल ही में केंद्र के खिलाफ पर्याप्त फंड नहीं देने के मामले पर राजधानी में आंदोलन किया था. डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने दोनों आंदोलनों को समर्थन दिया था.
50 सालों के सामाजिक-आर्थिक विकास का खामियाजा उठा रहे
परिसीमन प्रस्ताव में बुधवार को इस बात पर भी चिंता जताई कि राज्य ने पिछले 50 सालों में सामाजिक-आर्थिक विकास कार्यक्रमों और कल्याणकारी योजनाओं का अच्छा निर्वहन किया है जिसकी उसको कीमत चुकानी पड़ रही है. परिसीमन के मुद्दे पर अन्नाद्रमुक नेता ने कहा कि राज्य विधानसभाओं और संसद में सीटें नहीं घटनी चाहिए.
बीजेपी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विरोध की आलोचना की
उधर, बीजेपी की विधायक वानति श्रीनिवासन ने परिसीमन प्रक्रिया को लेकर चिंताएं साझा कीं. साथ ही 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विरोध करने की कड़ी आलोचना की. बीजेपी विधायक का कहना है कि इसको लेकर आशंकाएं निराधार है. उन्होंने केंद्र सरकार के इस कदम को बार-बार होने वाले चुनावों के वित्तीय व प्रशासनिक बोझ को कम करने वाला बताया.
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