Jallikattu Competition: पोंगल से पहले मदुरै में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता के लिए सांडों की ट्रेनिंग शुरू
Tamil Nadu: जल्लीकट्टू प्रतियोगिता का आयोजन इस हफ्ते ही किया जाएगा. इस तरह की एक और प्रतियोगिता होती है जिसका नाम मन कुथल है.

Tamil Nadu News: पोंगल के त्योहार से पहले तमिलनाडु के मुदैर में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता के लिए कमर कस रहे हैं. मदुरै जिले के पोडुम्बू गांव के 20 से अधिक युवा प्रतियोगिता के लिए तैयारी कर रहे हैं. सांडो को चलाने से लेकर तैरने तक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
जल्लीकट्टू प्रतियोगिता का आयोजन इस हफ्ते ही किया जाएगा. इस तरह की एक ओर प्रतियोगिता होती है, जिसको मन कुथल नामक प्रकिया कहा जाता है. इसमें बैलों को गीली जमीन को अपनी सींगों से खोदकर अपना कौशल दिखाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. जब कोई उनके कूबड को पकड़ने की कोशिश करता है तो बैल हमला करते हैं.
बैलों को भोजन में कपास और इमली दिया जा रहा है
एक बैल मालिक कोट्टई स्वामी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि हमने 2017 से जल्लीकट्टू में बैलों को प्रशिक्षित किया है और हमारे पास 10 से अधिक बैल हैं. हम 20 दोस्त मिलकर जल्लीकट्टू के लिए बैलों को प्रशिक्षित कर रहे हैं. हम सांडो को खास चारा खिला रहे हैं, जैसे कपास का बीज और इमली. हम सांडों को चलने, तैरने और मन कुठाल का प्रशिक्षण दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट जल्लीकट्टू के पक्ष में फैसला देगा और सीएम स्टालिन और पीएम मोदी को जल्लीकट्टू आयोजित करने में हमारी मदद करनी चाहिए.
एक अन्य सांड मालिक ने बताया कि मैं 2014 से जल्लीकट्टू में भाग ले रहा हूं. सुबह से दोस्तों के साथ मिलकर बैलों को प्रशिक्षण देते हैं. हम तैराकी और मान कुथल का प्रशिक्षण भी देते हैं.
जल्लीकट्टू तमिलों का वीर खेल है
तमिलनाडू सरकार ने घोषणा की है कि आने वाले पोंगल पर जल्लीकट्टू प्रतियोगिता (तमिलों के वीर खेल) को योजना के अनुसार आयोजित किया जाएगा, इसलिए युवाओं ने जल्लीकट्टू के लिए बैलो को प्रशिक्षित करने का जोखिम उठाया है.
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