तमिलनाडु कैडर के आईपीएस‌ संजय अरोड़ा ('88 बैच) ने मंगलवार को आईटीबीपी के महानिदेशक का पदभार ग्रहण किया. संजय अरोड़ा को आईटीबीपी में 'तीन सेब साहब' के नाम से जाना जाता है. वहीं देश के जाने माने पुलिस सुधारक, प्रकाश सिंह के बेटे और राजस्थान कैडर के आईपीएस पंकज कुमार सिंह ने बीएसएफ के डीजी का पदभार संभाला. इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के निवर्तमान महानिदेशक, एस एस देशवाल ने दोनों सीमा-सुरक्षाबलों की जवान संजय अरोड़ा और पंकज कुमार सिंह को सौंपी.


संजय अरोड़ा देश के उन चुनिंदा आईपीएस में से हैं जो किसी अर्द्धसैनिक बल में डेप्युटेशन पर कमांडेंट के पद पर आए थे. अरोड़ा ने 1997 से 2002 तक कमांडेंट के रूप में प्रतिनियुक्ति पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में सेवाएं दी थीं. उन्होंने साल 1997 से 2000 तक उत्तराखंड के मातली में आईटीबीपी की बटालियन की कमान संभाली थी. उस दौरान वे अपने जवानों को दिन में तीन सेब खाने पर जोर देते थे. इसीलिए उन्हें आजतक 'तीन सेब साहब' के नाम से जाना जाता है. 


अर्द्धसैनिक बलों में आईपीएस अधिकारी अमूमन आईजी या उसके ऊपर स्तर पर प्रतिनियुक्ति पर आते हैं (डीआईजी के पद पर भी कम ही आते हैं). संजय अरोड़ा ने एक प्रशिक्षक के रूप में भी आईटीबीपी में उल्लेखनीय योगदान दिया था और 2000 से 2002 तक आईटीबीपी अकादमी, मसूरी में कमांडेंट (प्रशिक्षण) के तौर पर सेवारत रहे थे. उन्हें आईटीबीपी में चीन मामलों का जानकार माना जाता है. संजय अरोड़ा पर्वतीय तैनातियों के लिए विशेषज्ञ समझी जाने वाले केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल- आईटीबीपी के 31वें प्रमुख हैं. 1962 में गठित आईटीबीपी प्रमुख रूप से भारत चीन सीमा सुरक्षा के लिए तैनात है.


इसके अलावा राजस्थान कैडर ('88 बैच ) के आईपीएस अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमाओं की सुरक्षा में तैनात बीएसएफ के महानिदेशक का पदभार संभाला. पंकज कुमार बीएसएस के पूर्व डीजई, प्रकाश सिंह के पुत्र हैं. प्रकाश सिंह को देश को एक बड़े पुलिस-सुधारक के तौर पर जाना जाता है. वे यूपी और असम के डीजी भी रह चुके थे.


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